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अयोध्या आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देगा मंदिर ट्रस्ट

Ram mandir Trust will pay tribute: मंदिर ट्रस्ट ने रविवार को अयोध्या आंदोलन के दौरान मारे गए राम भक्तों को श्रद्धांजलि देना का फैसला किया है। इसके लिए 13 अक्टूबर का डेट रखा गया है।

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 Ram mandir Trust will pay tribute those killed during Ayodhya movement

राम मंदिर का निर्माण पूरा होने की तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में राम मंदिर ट्रस्ट बड़े फैसले लेता जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट ने रविवार को अयोध्या आंदोलन के दौरान मारे गए राम भक्तों को श्रद्धांजलि देना का फैसला किया है। ट्रस्ट ने पितृ पक्ष में मंगलवार से अयोध्या में सरयू नदी के तट पर 11 दिवसीय अनुष्ठान की योजना बनाई है। एक पखवाड़े तक चलने वाले पितृ पक्ष में हिंदू पितरों के लिए धर्म वैदिक अनुष्ठान करते हैं।

10 हजार मिट्टी के दीपक जला कर श्रद्धांजलि देगा मंदिर ट्रस्ट

अयोध्या में मंदिर ट्रस्ट के द्वारा शुरू किए गए नवाह पारायण पथ अनुष्ठान में लगभग 10,000 परिवारों शामिल होंगे। इस पथ में नौ दिनों में संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ शामिल है जो 11 अक्टूबर को समाप्त होगा। आयोजन के आखिरी दिन 13 अक्टूबर को ट्रस्ट राम मंदिर आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी पर 10,000 मिट्टी के दीपक जलाएगा। यह पहल काशी के प्रसिद्ध वैदिक पुरोहित लक्ष्मी कांत द्विवेदी की सलाह पर की गई थी।

कितने कारसेवक मारे गए हुए?

अलग-अलग अखबारों ने कितने कितने कारसेवक मारे गए इसको लेकर अलग-अलग दावें किए है। जनसत्ता में अगले दिन छपी खबर में मारे गए कारसेवकों की संख्या 40 बताई गई थी। साथ ही लिखा गया था कि 60 बुरी तरह जख्मी हैं और घायलों का कोई हिसाब नहीं है। मौके पर रहे एक पत्रकार ने मृतकों की संख्या 45 बताई थी।

वहीं, दैनिक जागरण ने 100 की मौत की बात कही थी। दैनिक आज ने यह संख्या 400 बताई थी। आधिकारिक तौर पर बाद में मृतकों की संख्या 17 बताई गई। हालाँकि घटना के चश्मदीदों ने कभी भी इस संख्या को सही नहीं माना।

दिलचस्प यह है कि घटना के फौरन बाद प्रशासन ने अपनी ओर से कोई आंकड़े तो नहीं दिए थे, लेकिन मीडिया के आंकड़ों का खंडन भी नहीं किया था। यहां तक कि फैजाबाद के तत्कालीन आयुक्त मधुकर गुप्ता तो फायरिंग के घंटों बाद तक यह नहीं बता पाए थे कि कितने राउंड गोली चलाई गई थी। उनके पास मृतकों और जख्मी लोगों का आंकड़ा भी नहीं था।

RSS के साथ बैठक में लिया गया फैसला

राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, इस कार्यक्रम की योजना 29 सितंबर को अयोध्या में आरएसएस की बैठक में बनाई गई थी। इस बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के अन्य सदस्य और वीएचपी नेता मौजूद रहे। ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि ट्रस्ट ने 500 साल लंबे राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने का फैसला किया है।