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तेजस्वी के नेतृत्व में सबसे बुरे दौर में RJD, राघोपुर में भी किला बचाने की कर रहे जद्दोजहद

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने लगे हैं। राजद 24 सीटों पर सिमटती हुई दिख रही है। यह तेजस्वी के अगुवाई में राजद का सबसे बुरा प्रदर्शन है।

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पटना से दिल्ली रवाना हुए तेजस्वी यादव

पटना से दिल्ली रवाना हुए तेजस्वी यादव (Photo-IANS)

Bihar Elections Counting: बिहार विधानसभा चुनाव की काउंटिंग अब आखिरी दौर में प्रवेश कर चुकी है। NDA को अभूतपूर्व बहुमत मिलता हुआ दिख रहा है। वहीं, राजद का यह 2010 के बाद सबसे खराब प्रदर्शन है। राजद 24 सीटों पर सिमटती हुई दिख रही है। 2015 में जब महागठबंधन ने जीत दर्ज की थी तो राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को पार्टी की कमान सौंपी। साथ ही, डिप्टी सीएम बनाया।

2020 में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार पाला बदलकर NDA की तरफ से चुनावी ताल ठोक रहे थे। उस दौरान राजद 2020 में महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। राष्ट्रीय जनता दल 75 सीटों के साथ यह बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी और मुख्य विपक्षी दल बना। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में यह राजद का अब तक का दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन था (1995 में लालू यादव के नेतृत्व में 159 सीटें जीती थीं)।

राघोपुर बचाने की जद्दोजहद में तेजस्वी

2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में न सिर्फ तेजस्वी यादव पैतृक किला राघोपुर को बचाने की जद्दोजहद करते हुए दिख रहे हैं। वहीं, राजद के कई बड़े नेता चुनाव हार रहे हैं। राजद इस चुनाव में 143 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन महज 24 सीटों पर उसे बढ़त हासिल हुई है। इससे पहले साल 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद को महज 22 सीटें आई थीं।