29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

केदारनाथ-हेमकुंड साह‍िब में बनेगा रोपवे, मोदी कैबिनेट ने 3 बड़े फैसले को दी मंजूरी

Modi Cabinet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को केदारनाथ रोपवे और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना सहित तीन बड़े फैसलों को मंजूरी दी है।

2 min read
Google source verification

मोदी कैबिनेट (photo- ANI)

Modi Cabinet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को उत्तराखंड को बड़ा तोहफा दिया है। मोदी सरकार ने केदारनाथ रोपवे और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। 12.9 किलोमीटर लंबे केदारनाथ रोपवे के निर्माण के लिए करीब 4,081 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, अनुसार हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना पर लगभग 2,730 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

मोदी कैबिनेट के 3 बड़े फैसले

पहला फैसला : मोदी सरकार ने केदारनाथ रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। 12.9 किलोमीटर लंबे केदारनाथ रोपवे के निर्माण के लिए करीब 4,081 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
दूसरा फैसला: हेमकुंड साहिब में रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है। इसके लिए 2730 करोड़ रुपया खर्च किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से हेमकुंड साहिब और वैली ऑफ फ्लावर तक की यात्रा शामिल है।


तीसरा फैसला: कैबिनेट में तीसरा फैसला किसानों को लेकर किया गया। पशुधन स्वास्थ्य और रोग रोकथाम के लिए सरकार 3880 करोड़ रुपया खर्च करेगी।

केदारनाथ से सोनप्रयाग तक बनेगा रोपवे

केदारनाथ रोपवे परियोजना सोनप्रयाग को केदारनाथ से जोड़ेगी। इसे डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मोड के तहत तैयार किया जाएगा। इस परियोजना को सार्वजनिक और निजी भागीदारी के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है। इसमें उन्नत ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3 एस) तकनीक शामिल होगी। इस प्रणाली को प्रति घंटे प्रति दिशा (पीपीएचपीडी) 1,800 यात्रियों की क्षमता के लिए डिजाइन किया गया है।

यह भी पढ़ें-International Women’s Day: बस कर लीजिए यह काम, फिर PM मोदी अपने सोशल मीडिया पर शेयर करेंगे आपकी कहानी

जानिए क‍ितने समय में पूरी होगी यात्रा?

माना जा रहा है कि रोपवे से सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। इससे तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। मौजूदा समय में इस यात्रा में गौरीकुंड से 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई शामिल है। इसमें पैदल, पालकी या हेलीकॉप्टर का उपयोग करके करीब 8 से 9 घंटे लगते हैं। एक बार चालू होने के बाद रोपवे इस यात्रा के समय को घटाकर केवल 36 मिनट कर देगा।