
केरल हाईकोर्ट (फोटो- आईएनएस)
केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को सबरीमाला गोल्ड-प्लेटिंग विवाद की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है। आदेशानुसार टीम को जांच रिपोर्ट एक महीने के भीतर प्रस्तुत करनी होगी और इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। इस पांच सदस्य एसआईटी का नेतृत्व एडीजीपी एच. वेंकटेश करेंगे। कोर्ट का यह फैसला बढ़ते मंदिर विवाद में न्यायपालिका के सीधे हस्तक्षेप का संकेत है।
उच्च न्यायालय का यह निर्देश देवासम विजिलेंस की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद आया है, जिसमें मंदिर में मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने में गड़बड़ी सामने आई है। जानकारी के अनुसार, 2019 में जब मंदिर की मूर्तियों से तांबे की चादरों को और सोना चढ़ाए जाने के लिए हटाया गया था, तब उनका वजन 42.8 किलोग्राम था, लेकिन जब यह सोने की परत चढ़ाने का काम करने वाली कंपनी के पास गई तो इनका वजन 38.2 किलोग्राम दर्ज किया गया था। उस समय मंदिर प्रशासम और सरकार की तरफ से इस मामले को दबाया गया था, जिसके चलते उनकी इसमें संदिग्ध भूमिका के आरोप लगे थे। बाद में हाईकोर्ट की दखल के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।
इस विवाद के कारण सोमवार को केरल विधानसभा का सत्र काफी हंगामेदार रहा। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह में सोने की परतों में आई कथित गड़बड़ी का विरोध किया। विपक्षी सदस्य बैनर लेकर और नारे लगाते हुए आसन के सामने आ गए, जिससे अध्यक्ष ए.एन. शमशीर को प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा और सदन की कार्यवाही अस्थायी रूप से स्थगित करनी पड़ी।
बैनर पर 'मंदिर के अधिकारियों ने अय्यप्पन का सोना निगल लिया' जैसे नारे लिखे हुए थे। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के जमकर बहस हुई। विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने मंदिर के स्वर्ण आवरण में इस्तेमाल किए गए सोने का एक हिस्सा गायब होने का दावा करते हुए देवस्वम मंत्री वी. एन. वसावन के इस्तीफे की मांग की। सतीशन ने सरकार पर इस मामले पर पूरी बहस से इनकार करने का आरोप भी लगाया।
अध्यक्ष ने जब प्रश्नकाल जारी रखने की कोशिश की, विपक्षी विधायकों ने आसन को घेर लिया, उसे बैनरों से ढक दिया और स्वामी शरणम अयप्पा के नारे लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की। वित्त मंत्री के.एन. बालगोपाल ने विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए इसे अलोकतांत्रिक और अपमानजनक बताया, जबकि अध्यक्ष शमसीर ने व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।
विधानसभा के बाहर, सतीशन ने दोहराया कि उनकी मांग है कि सोने के घोटाले की सीबीआई जांच हो और मंत्री वसावन के साथ ही त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष दोनों इस्तीफा दें। विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए, मंत्री वी. एन. वसावन ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और आश्वासन दिया कि सरकार जांच का पूरा समर्थन करती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में न तो सरकार और न ही देवस्वओम की कोई भूमिका है, और कहा कि उनकी जिम्मेदारी तीर्थयात्रा के मौसम में सहायता प्रदान करने तक ही सीमित है।
Published on:
06 Oct 2025 02:58 pm
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