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कबाड़ बेचकर इतनी हुई कमाई कि एकसाथ खरीद सकते हैं 7 वंदे भारत ट्रेन, जानें क्या है मोदी सरकार का अगला प्लान?

स्वच्छता अभियान (2-31 अक्टूबर) के तहत सरकारी दफ्तरों में सफाई कर अनुपयोगी सामानों को बेचा गया। इससे जो कमाई हुई वह चंद्रयान-3 मिशन (615 करोड़) के बजट से भी ज्यादा है।

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भारत

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Mukul Kumar

Nov 10, 2025

PM Modi

पीएम मोदी। (फोटो- ANI)

केंद्र सरकार ने हाल ही में चलाए गए स्वच्छता अभियान के तहत कबाड़ बेचकर 800 करोड़ रुपये की कमाई की है। इससे लगभग एकसाथ सात वंदे भारत ट्रेन खरीदे जा सकते हैं। 2 से 31 अक्टूबर तक यह अभियान चलाया गया था।

बता दें कि पिछले 4 सालों में सरकार ने कबाड़ बेचकर लगभग 4,100 करोड़ से अधिक रुपये कमाए हैं। 2021-2023 के बीच कुल 2,364 करोड़ रुपये की कमाई हुई। इसमें रेलवे का सबसे बड़ा योगदान रहा, जहां से 225 करोड़ रुपये हासिल हुए।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 तक 600 करोड़ रुपये की ही कमाई हुई थी, जो अक्टूबर में बढ़कर 800 करोड़ तक पहुंच गई। सरकारी दफ्तरों, मंत्रालयों और विदेशों में स्थित भारतीय दूतवास में सफाई अभियान चलाया गया।

ये सामान बेचे गए

सफाई अभियान के दौरान अनुपयोगी फाइलें, टूटी मशीनें, पुराने वाहन और इलेक्ट्रॉनिक कचरों को बेचा गया। अक्टूबर में चलाए गए सफाई अभियान के बाद 233 लाख वर्गफुट कार्यालय क्षेत्र खाली हुआ है।

84 मंत्रालयों ने मिलकर इस अभियान में भाग लिया। 2021 से अब तक चलाए गए इन अभियानों से सरकारी दफतरों में 923 लाख वर्ग फुट जगह खाली हो गई है।

कबाड़ से कमाए गए पैसों का क्या करेगी सरकार?

मोदी सरकार कबाड़ बेचकर कमाए गए पैसों का उपयोग प्रशासनिक सुधार और स्वच्छता अभियान को और मजबूत करने में करेगी। इन पैसों का इस्तेमाल ट्रेन खरीदने में भी किया जा सकता है।

बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन का बजट 615 करोड़ रुपये है। वहीं, कबाड़ बेचकर कमाई उससे भी अधिक हुई है। सरकार कबाड़ बेचकर कमाए गए पैसों का इस्तेमाल विज्ञान के प्रोजेक्ट्स पर भी कर सकती है।

कब हुई थी स्वच्छता अभियान की शुरुआत?

स्वच्छता अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को हुई थी। तब 60 करोड़ लोग खुले में शौच करते थे। जिसको लेकर 15 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए।

लोगों को शौचालय उपयोग के लिए प्रेरित किया गया। बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर शौचालय निर्माण हुआ।