
प्रताप रेड्डी उर्फ चलपति का जीवन एक जटिल और विवादित घटनाओं से भरा हुआ था। वह माओवादी विचारधारा के समर्थक था और सीपीआई (मार्क्सवादी लेनिनवादी) के पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्ल्यूजी) से जुड़कर अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। चलपति का नाम विशेष रूप से उस मुठभेड़ से जुड़ा हुआ है जिसमें 2018 में दो टीडीपी नेताओं की हत्या हुई थी। इसके अलावा, उसका माओवादियों के उच्चतम रैंक तक पहुंचने और कई हमलों की योजना बनाने में महत्वपूर्ण योगदान था।
चलपति का संघर्ष केवल राजनीति और हिंसा से संबंधित नहीं था, बल्कि उसके व्यक्तिगत जीवन में भी कई उतार-चढ़ाव थे। उसका विवाह अरुणा से हुआ, जो एक माओवादी नेता थीं और दोनों के रोमांस ने उन्हें पार्टी में विवादों का सामना कराया। हालांकि, उनके इस रिश्ते के कारण निलंबन भी हुआ था, लेकिन अंत में उन्होंने अरुणा से शादी कर ली। उनके द्वारा किए गए कार्यों और उनकी स्थिति ने उन्हें माओवादी संगठन के भीतर महत्वपूर्ण स्थान दिलवाया।
वह ओडिशा राज्य समिति के सचिव के रूप में कार्यरत था और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे घुटनों का दर्द और मोटापा, ने उसकी स्थिति को और जटिल बना दिया था। यह सभी पहलू उनके जीवन की जटिलताओं और संघर्षों को दर्शाते हैं, जो राजनीतिक, व्यक्तिगत और शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण था।
सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय सैन्य आयोग ने भी हाई-प्रोफाइल हमला अभियानों की योजना बनाने और नए रंगरूटों को शामिल करने के लिए उस पर भरोसा किया। तीन दशकों से अधिक समय से, उस पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में हमलों की योजना बनाने और उनका नेतृत्व करने का आरोप है।
मई 2016 में, दशकों तक भूमिगत रहने के बाद, आंध्र प्रदेश पुलिस को पहली बार चलापथी के बारे में जानकारी मिली, जब उन्हें एक लैपटॉप में उसकी और उसकी पत्नी की सेल्फी मिली, जो एक माओवादी नेता के लैपटॉप पर थी, जिसे विशाखापत्तनम में मुठभेड़ में मार गिराया गया था।
दरअसल, उनके रोमांस ने माओवादी रैंकों के भीतर उन्हें मुश्किल में डाल दिया था। 2010 में, उन्हें AOB-SZC में डिप्टी कमांडर अरुणा उर्फ चैतन्य वेंकट रवि के साथ संबंध रखने के लिए एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था। आखिरकार उन्होंने उससे शादी कर ली।
2012 में उन्हें पदावनत कर दिया गया क्योंकि उनकी एक तकनीकी गलती के कारण एक कैडर की मृत्यु हो गई थी। वह वर्तमान में ओडिशा राज्य समिति के सचिव थे। सूत्रों ने बताया कि वह घुटनों के दर्द और मोटापे से पीड़ित थे और उन्होंने आंध्र-ओडिशा सीमा पर विभिन्न स्थानों पर गुप्त रूप से इलाज करवाया था।
Updated on:
22 Jan 2025 09:06 am
Published on:
22 Jan 2025 08:22 am
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