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आज के ही दिन तिहाड़ जेल से फरार हुआ था फूलनदेवी हत्याकांड का मुख्य आरोपी शेर सिंह राणा, जानिए क्या है पूरी कहानी

आज के ही दिन तिहाड़ जेल से फूलनदेवी हत्याकांड का मुख्य आरोपी शेर सिंह राणा फरार हुआ था, जिसमें फूलन देवी को मारकर 22 ठाकुरों की हत्या का लिया बदला लिया था। आइए इससे जुड़ी पूरी कहानी जानते हैं।

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Abhishek Kumar Tripathi

Feb 17, 2023

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Sher Singh Rana main accused in Phoolandevi murder case, escaped from Tihar Jail on this day

हमें जिंदगी कब किस मोड़ पर लाकर खड़ी खर दे उसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। ऐसी ही जिंदगी फूलन देवी उर्फ दस्यु सुंदरी की थी। दस्यु सुंदरी के नाम से मशहूर फूलन देवी एक जमाने में डर का दूसरा नाम हुआ करती थीं। गैंगरेप सहित अन्य अत्यारों के बाद वह पहले डाकू और बाद में सांसद बनी। फूलन की जिंदगी का सफर किसी के भी रोंगटे खड़े कर सकता है। 80 के दशक में ये महिला ऐसी डकैत थी, जिसके नाम से पुलिस महकमे के भी पसीने छूट जाते थे।

गरीबी के साए में बीते बचपन के बाद भी फूलन देवी बहुत दबंग थी। अपने गुस्सैल स्वभाव के चलते 10 साल की उम्र में फूलन देवी ने जमीन हड़पने वाले अपने चाचा के बेटे के सिर में ईंट मार दी थी, जिसके बाद सजा के तौर पर फूलन देवी की शादी उनसे 30 साल से बड़े आदमी के साथ कर दी गई। कुछ समय बाद फूलन देवी के पति ने दूसरी शादी कर ली, जिसके बाद उसके पति की नई पत्नी उसे बेइज्जत करने लगी। इसके बाद फूलन देवी ने ससुराल और मायके को छोड़ते हुए डाकुओं के गैंग में शामिल हो गई।

ठाकुरों ने 3 हफ्तों तक फूलन देवी का किया गैंगरेप
डाकुओं के गैंग में शामिल होने के कुछ समय बाद ठाकुरों ने 18 साल की उम्र में फूलन देवी को किडनैप कर बेहमई गांव में 3 हफ्तों तक गैंगरेप किया। इसके बाद वह किसी तरह ठाकुरों के चंगुल से बचकर भाग निकली और फिर 1981 में ज्यादती का बदला लेते हुए 22 ठाकुरों को लाइन में खड़ा करके गोलियों से भून दिया। इस घटना के बाद फूलन देवी दलितों की मसीहा बनी और उनका उनका 'बैंडिट क्वीन' नाम पड़ा। 2 साल बाद 1983 में फूलन देवी ने पुलिस के सामने सरेंडर किया, जिसके बाद 22 हत्या, 30 डकैती और 18 किडनैपिंग के मामलों में 11 साल की जेल की सजा काटने के बाद मुलायम सिंह की सरकार ने उन पर साले मुकादमे हटा कर बरी कर दिया।

राजनीति में फूलन देवी
जेल से बाहर आने के बाद फूलन देवी ने उम्मेद सिंह से शादी रचाई और समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर मिर्जापुर की सीट जीती। फूलन देवी को दो बार जीतना यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं उन्होंने लोगों के मन में अपनी जगह बना ली थी।


शेर सिंह राणा ने 25 जुलाई 2001 में फूलनदेवी की हत्या की

कहते हैं कि अतीत कभी भी पीछा नहीं छोड़ता, वह किसी न किसी रूप में सामने आ ही जाता है। 25 जुलाई 2001 को शेर सिंह राणा नाम के व्यक्ति ने फूलन देवी को गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शेर सिंह राणा ने अपने अपराध को स्वीकार करते हुए बताया कि उसने 22 ठाकुरों की हत्या का बदला लिया है, जिसके लिए उसे उम्रकैद की सजा हुई थी। इसके बाद आज के ही दिन 17 फरवरी 2004 को फूलनदेवी हत्याकांड का मुख्य आरोपी शेर सिंह राणा तिहाड़ जेल से फरार हो गया।

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