बिहार से दो इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले मामले सामने आए हैं। पहली घटना सीतामढ़ी जिले की है जहां चॉकलेट चोरी के आरोप में पांच लड़कों को नंगा कर उनका जुलूस निकाला गया। वहीं दूसरी घटना गया जिले के एक गांव की है। जहां गैंगरेप पीड़िता की मां का इलाज करने पर कुछ लोगों ने डॉक्टर को पेड़ से बांधकर पीटा।
पुलिस के अनुसार, सीतामढ़ी जिले के मलाही गांव में एक किराना दुकानदार और उसके साथियों ने पांच नाबालिगों पर दुकान से चॉकलेट चोरी करने का आरोप लगाया। इसके बाद उन्हें शर्मसार करने के लिए उनके कपड़े उतारकर नंगा किया, चेहरे पर चूना लगाया और चप्पलों की माला पहनाकर पीटते हुए पूरे गांव में घुमाया।
सीतामढ़ी के सदर-1 एसडीपीओ राम कृष्ण ने बताया, "5 जून को यह घटनाक्रम हुआ, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दुकानदार और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है।"
सीतामढ़ी के पुलिस अधीक्षक अमित रंजन ने एसडीपीओ को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। एसडीपीओ ने कहा कि मामले की प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
बिहार के गया जिले के एक गांव में एक डॉक्टर को महज इसलिए पेड़ से बांधकर पीटा गया क्योंकि वह एक गैंगरेप पीड़िता की मां का इलाज करने उनके घर पहुंचा था। आरोप है कि गांव के दबंग लोग पीड़िता के परिवार पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे थे और डॉक्टर को इसीलिए निशाना बनाया गया।
डॉक्टर जितेंद्र यादव को जैसे ही जानकारी मिली कि रेप पीड़िता की मां की तबीयत बिगड़ गई है, वे बिना देर किए उनके घर पहुंचे। लेकिन गांव में पहले से घात लगाए बैठे 10-12 दबंगों ने उन्हें पकड़ लिया और एक पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।
घटना के दौरान गांव के लोग दबंगों के खौफ से सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा सके। हालांकि, कुछ ग्रामीणों ने छिपकर इस अमानवीय घटना का वीडियो बना लिया और बाद में वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल वीडियो ने पुलिस प्रशासन को हरकत में ला दिया।
वीडियो वायरल होते ही डायल 112 की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। टीम ने खून से लथपथ डॉक्टर जितेंद्र यादव को पेड़ से रस्सी काटकर छुड़ाया और इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि रेप के आरोपी लगातार पीड़ित परिवार को मुकदमा वापस लेने के लिए धमका रहे थे। पुलिस का कहना है कि डॉक्टर को सिर्फ इसलिए टारगेट किया गया क्योंकि वे पीड़िता के परिवार की सहायता कर रहे थे। गांव में दबंगों का ऐसा खौफ है कि किसी ने खुलकर विरोध नहीं किया। सबने अपनी आंखों के सामने यह बर्बरता होते देखी, लेकिन कोई सामने नहीं आया।
Published on:
07 Jun 2025 09:43 am