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गुजरात का ‘सूखा’ दूर कर रहे मप्र और राजस्थान के तस्कर, हर साल बह रही 15 हजार करोड़ की शराब; भ्रष्ट नेता-पुलिस हिस्सेदार

महंगी शराब हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, गोवा से पार्सलों के जरिए आती है। सीमावर्ती इलाकों में शराब सबसे महंगी बिकती है।

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भारत

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Siddharth Rai

May 19, 2025

Gujarat liquor ban

गुजरात में शराबबंदी के बावजूद जमकर हो रही तस्करी (AI generated image)

संतोष त्रिवेदी की रिपोर्ट

गुजरात में शराबबंदी के बावजूद हर साल 12 से 15 हजार करोड़ की शराब तस्करी होती है। पुलिस 300–500 करोड़ की शराब जब्त करती है, लेकिन माफिया, भ्रष्ट पुलिस और भ्रष्ट नेताओं की मिलीभगत से तीन से चार गुना मुनाफे वाला अवैध शराब का कारोबार जारी है। राजस्थान और मध्यप्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र और दमन-दीव से भी शराब आ रही है। महंगी शराब हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, गोवा से पार्सलों के जरिए आती है। सीमावर्ती इलाकों में शराब सबसे महंगी बिकती है। अकेले राज्य निगरानी प्रकोष्ठ ने प्रदेश भर में एक साल में 455 केस तस्करी के दर्ज किए, जिनकी कुल लागत करीब 144 करोड़ रुपए थी।

गुजरात में तस्करी के प्रमुख मार्ग

मध्य गुजरात
मालवा क्षेत्र के झाबुआ, अलीराजपुर और आसपास के इलाकों से चार मुख्य रास्ते सक्रिय हैं। कट्ठीवाड़ा से कांचला गांव, देवगढ़ बारिया, बड़ा खेड़ा, केवड़ी और कोलियारी गांव की ग्रामीण सड़कों का उपयोग कर शराब लाई जाती है। सीमा के दोनों ओर आदिवासियों की जमीनों पर किराए के गोदाम बनाए गए हैं। तस्करी के लिए गुजरात में रजिस्टर्ड फोर बाय फोर एसयूवी और पिकअप गाड़ियां रात में 40-50 वाहनों के काफिले में सीमा पार करती हैं।

दक्षिण गुजरात
महाराष्ट्र के नासिक, पालघर और नवापुर से शराब नवापुर, भीलाड और सापुतारा के रास्ते दक्षिण गुजरात पहुंचाई जाती है। दमण और सिलवासा के माफिया भी इसमें सक्रिय हैं। तस्करी में छोटे टूरिस्ट वाहनों और मुख्य मार्गों के साथ-साथ घने जंगलों के रास्तों का इस्तेमाल होता है।

उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र
राजस्थान से अवैध शराब उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र में भेजी जाती है। रतनपुर, आबूरोड, मंडार और सांचोर जैसे सीमावर्ती रास्तों से छोटे व मध्यम वाहनों के जरिए शराब गुजरात के सीमावर्ती जिलों तक लाई जाती है, जहां से माफिया इसे अहमदाबाद सहित राज्य के अन्य हिस्सों में पहुंचाते हैं।

पंजाब-हरियाणा से आती है शराब की बड़ी खेप

कुछ पुलिस अफसरों की मानें तो पंजाब-हरियाणा से भी बड़े पैमाने पर गुजरात में शराब की आपूर्ति होती है। कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे, जयपुर एक्सप्रेसवे और अमृतसर-जामनगर भारतमाला राजमार्ग समेत अन्य राजमार्गो के जरिए शराब गुजरात पहुंचती है।

पुलिस से बचने के तरीके

-तस्करी वाले वाहनों के साथ एस्कॉर्ट वाहन चलते हैं, ताकि खतरा दिखे तो रास्ता बदला जा सके।

-अधिकतर गुजरात में रजिस्टर्ड पुराने या चोरी के वाहनों का इस्तेमाल होता है, जिन्हें नाम पर ट्रांसफर नहीं किया जाता।

-जरूरतमंद युवकों को शराब लदे वाहन देकर डिलीवरी की जानकारी मौके पर दी जाती है।

-सब्जी और फलों के वाहनों में शराब छिपाकर लाई जाती है। माफिया इनसे सांठगांठ कर लेते हैं।

शराब तस्करी के बड़े मामलेः 2024 और 2025

वर्ष 2024
-144 करोड़ रुपए की 82 लाख बोतलें विदेशी शराब की जब्त

-2 लाख लीटर से अधिक देशी शराब जब्त

-राज्य निगरानी प्रकोष्ठ ने 455 मामले दर्ज किए, 22.51 करोड़ रुपए की शराब और 51.93 करोड़ का माल जब्त

वर्ष 2025
-6.58 करोड़ रुपए की शराब जनवरी-फरवरी में जब्त, यह पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुनी ज्यादा।

-11.47 करोड़ रुपए मूल्य की कुल संपत्ति जब्त