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लद्दाख में Gen-Z को भड़काने वाले हैं सोनम वांगचुक, मोदी सरकार बोली- नेपाल की बात कह लोगों को उकसाया

गृह मंत्रालय ने कहा कि सोमन वांगचुक ने नेपाल, बांग्लादेश और अरब स्प्रिंग का जिक्र कर लोगों को भड़काया। हिंसा में 30 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए। उन्होंने अपने बचाव में गोलीबारी की। इसमें चार लोगों की मौत हो गई। जानिए, LG कविंदर गुप्ता ने कहा?

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Sonam Wangchuk

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार और लद्दाख प्रशासन को जारी किया नोटिस (फोटो-IANS)

Leh Protest: लेह की शांत सड़कों पर बुधवार को हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारी युवाओं (Gen-Z) ने पत्थरबाजी की। उन्होंने BJP दफ्तर को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली चलानी पड़ी। हिंसक विरोध में 4 लोगों की मौत हो गई। प्रशासन ने लेह और कारगिल में BNS की धारा 163 लागू कर दी है।

सोनम वांगचुक ने लोगों को उकसाया: गृह मंत्रालय

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने हिंसा के लिए लोगों को उकसाया। मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, वांगचुक ने प्रदर्शन के दौरान अरब स्प्रिंग, बांग्लादेश और नेपाल के जेन-जी आंदोलन का जिक्र कर युवाओं को भड़काया। गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार स्टेक हॉल्डर्स से बातचीत कर रही थी।

10 सितंबर को सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल शुरू की, जबकि उनकी मांगें पहले से ही उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC) की चर्चा का हिस्सा थीं। मोदी सरकार ने लद्दाख में अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 45% से बढ़ाकर 84% किया, परिषदों में महिलाओं को 1/3 आरक्षण दिया और भोटी व पुर्गी भाषाओं को आधिकारिक मान्यता दी। मंत्रालय ने कहा कि हिंसा में 30 पुलिसकर्मियों को चोटें आईं, पुलिस ने अपने बचाव में फायरिंग की। इसमें कुछ लोगों की मौत हो गई। केंद्र सरकार ने कहा कि वह लद्दाखी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

क्या कहा राज्यपाल ने?

हिंसा पर लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता का भी बयान सामने आया है। उन्होंने चेतावनी दी कि केंद्रशासित प्रदेश में शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लोकतांत्रिक विरोध और संवाद लोगों का अधिकार है, लेकिन आगजनी, पथराव और सार्वजनिक व निजी संपत्ति पर हमले कभी भी उचित नहीं ठहराए जा सकते।

गुप्ता ने कहा कि हम जानते हैं कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। यहां तक कि भूख हड़ताल भी लोकतांत्रिक परंपराओं का हिस्सा है। लेकिन पिछले एक-दो दिनों में हमने जो देखा है कि लोगों को भड़काया जा रहा है, नेपाल और बांग्लादेश से तुलना की जा रही है, निजी कार्यालयों और घरों में आग लगाने की कोशिश की जा रही है, पथराव किया जा रहा है। यह लद्दाख की परंपरा नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ निजी स्वार्थ के लिए इलाके को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। इस हिंसा के पीछे जो भी लोग हैं। उनकी पहचान की जाएगी और उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने युवाओं से संयम बरतने की अपील की।