कोर्ट ने इस नियम को एक अप्रेल 2024 से प्रभावी माना और नियम को लेकर कानूनी अनिश्चितता के कारण याचिकाकर्ताओं के खिलाफ शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही को रद्द कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि आइसीएआइ एक सीए द्वारा किए जाने वाले ऑडिट की संख्या बढ़ाने के लिए स्वतंत्र होगा। फिलहाल यह सालाना 60 ऑडिट तय है।
आइसीएआइ के इन दिशा निर्देशों में तय सीमा से अधिक ऑडिट करने को पेशेवराना कदाचार माना था। इस नियम का काफी विरोध हुआ और विभिन्न हाईकोर्टों में इसे चुनौती दी गई और विरोधाभासी आदेश भी आए। इस पर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों को अपने पास मंगा कर यह फैसला दिया है।
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