scriptसुप्रीम कोर्ट का UIDAI को निर्देश, सेक्स वर्कर्स को भी जारी किया जाए आधार कार्ड | Supreme Court directs UIDAI, issuance of Aadhaar cards to sexworkers | Patrika News

सुप्रीम कोर्ट का UIDAI को निर्देश, सेक्स वर्कर्स को भी जारी किया जाए आधार कार्ड

locationनई दिल्लीPublished: May 19, 2022 08:26:23 pm

Submitted by:

Archana Keshri

सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी एक प्रोफार्मा प्रमाणपत्र के आधार पर सेक्सवर्कर्स को आधार कार्ड जारी किए जाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान के साथ व्यवहार करने का मौलिक अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट का UIDAI को निर्देश, सेक्स वर्कर्स को भी जारी किया जाए आधार कार्ड

सुप्रीम कोर्ट का UIDAI को निर्देश, सेक्स वर्कर्स को भी जारी किया जाए आधार कार्ड

सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा जारी एक प्रोफार्मा प्रमाणपत्र के आधार पर यौनकर्मियों को आधार कार्ड जारी किए जाने का निर्देश दिया और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का यह मौलिक अधिकार है कि उसके साथ गरिमापूर्ण व्यवहार किया जाए। कोर्ट ने ये भी कहा कि आधार कार्ड बनाने के लिए यौन कर्मियों की पहचान उजागर नहीं की जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि सेक्सवर्कर्स की गोपनीयता भंग नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि UIDAI द्वारा जारी एक प्रोफार्मा प्रमाण पत्र के आधार पर सेक्स वर्कर्स को आधार कार्ड जारी किए जाएंगे। यह नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (NACO) के अधिकारी या स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर की ओर से नामांकन फॉर्म के साथ सबमिट किया जाएगा।
आदेश पारित करते हुए कोर्ट ने कहा कि हर व्यक्ति का अधिकार है कि उसके साथ गरिमापूर्ण व्यवहार किया जाए, चाहे उसका पेशा कुछ भी हो तथा यह बात ध्यान में रखी जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे उन यौनकर्मियों की पहचान की प्रक्रिया जारी रखें जिनके पास पहचान का कोई प्रमाण नहीं है और जो राशन वितरण से वंचित हैं।

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अदालत ने पहले कहा था कि इस काम के लिए राज्य सरकारें समुदाय आधारित संगठन का समर्थन लेंगी और NACO द्वारा तैयार की गई लिस्ट पर भरोसा करेंगी। इसके बाद राशन कार्ड के अलावा सेक्स वर्कर्स को मतदाता पहचान पत्र जारी करने के लिए भी कदम उठाएंगी। बता दें, कोर्ट ने कोरोना के कारण सेक्स वर्कर्स की समस्याओं पर एक याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए।
कोर्ट ने पिछले साल 29 सितंबर को केंद्र और राज्यों को सेक्स वर्कर्स को पहचान प्रमाण पत्र के बिना सूखा राशन उपलब्ध कराने के लिए कहा था। याचिका में कोविड-19 के कारण यौनकर्मियों की बदहाली को उजागर किया गया है और पूरे भारत में नौ लाख से अधिक महिला एवं ट्रांसजेंडर यौनकर्मियों के लिए राहत उपायों का आग्रह किया गया है।

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