
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाली के खिलाफ वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। शुक्रवार को अदालत लखनऊ के वकील पर पीएलआई दाखिल करने के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जस्टिस बीआर गवई के नेतृत्व वाली बेंच ने जुर्माना लगाते हुए कहा कि इस तरह की तुच्छ याचिकाएं दाखिल करने से न केवल कोर्ट का बल्कि पूरे सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री का अमूल्य समय बर्बाद होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर लगाई थी रोक
बता दें कि पिछले साल अगस्त महीने में शीर्ष अदालत ने 'मोदी सरनेम' मानहानि केस में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए कहा था कि ट्रायल जज ने दो साल की अधिकतम सजा देने के लिए कोई वजह नहीं बताई है। शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद लोकसभा सचिवालय ने अगस्त 2023 में राहुल गांधी की सदस्यता को बहाल कर दिया था।
यह भी पढ़ें: राम मंदिर उद्धाटन को लेकर हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान, सोमवार छुट्टी घोषित
इस मामले गई थी सांसदी
गौरतलब है कि अप्रैल 2019 में कर्नाटक की एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि 'सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे है। इसके बाद काफी विवाद खड़ा हुआ था। इसी मामले में सूरत की एक कोर्ट ने राहुल की गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी।
यह भी पढ़ें: राम रहीम को एक बार फिर मिली पैरोल, 4 साल में 9वीं बार आया जेल से बाहर
Updated on:
19 Jan 2024 05:11 pm
Published on:
19 Jan 2024 05:10 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
