scriptसुप्रीम कोर्ट ने तलाक-ए-बाइन और तलाक-ए-किनाया के खिलाफ जारी किया नोटिस, जाने क्या है पूरा मामला | Supreme Court issues notice on plea to declare 'Talaq-e-Kinaya', 'Talaq-e-Bain' void | Patrika News
राष्ट्रीय

सुप्रीम कोर्ट ने तलाक-ए-बाइन और तलाक-ए-किनाया के खिलाफ जारी किया नोटिस, जाने क्या है पूरा मामला

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें तलाक-ए-किनाया और तलाक-ए-बैन सहित एकतरफा अतिरिक्त-न्यायिक तलाक के सभी रूप को शून्य और असंवैधानिक घोषित करने के लिए निर्देश या घोषणा की मांग की गई है। इस मामले की सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी।

Oct 10, 2022 / 04:37 pm

Archana Keshri

Supreme Court issues notice on plea to declare 'Talaq-e-Kinaya', 'Talaq-e-Bain' void

Supreme Court issues notice on plea to declare ‘Talaq-e-Kinaya’, ‘Talaq-e-Bain’ void

‘तलाक-ए-किनाया’ और ‘तलाक-ए-बाइन’ को असंवैधानिक घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नोटिस जारी किया है। अदालत तलाक-ए-हसन और तलाक-ए-अहसन से जुड़ी याचिकाओं के साथ कल यानी 11 अक्टूबर को इन मामलों पर सुनवाई करेगी। जस्टिस एस अब्दुल एस नज़ीर की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी किया और इसी तरह की याचिका के साथ इसे टैग किया। सुनवाई के दौरान जस्टिस नज़ीर ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके बारे में पढ़कर मैं हैरान रह गया।”
 


‘तलाक-ए-किनाया’ और ‘तलाक-ए-बाइन’ की वैधता और एकतरफा अतिरिक्त न्यायिक तलाक के सभी रूपों को चुनौती देते हुए कर्नाटक की एक महिला डॉक्टर सैयदा अमरीन ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने पीठ से कहा कि इस तरह के तलाक का किसी अन्य देश में चलन नहीं है और कई देशों में इस पर प्रतिबंध है। जनहित याचिका में केंद्र को ‘लिंग तटस्थ धर्म, तलाक के तटस्थ समान आधार और सभी नागरिकों के लिए तलाक की एक समान प्रक्रिया’ के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की भी मांग की गई है।
https://twitter.com/ANI/status/1579397228070076417?ref_src=twsrc%5Etfw
 


याचिकाकर्ता ने बताया कि उसके माता-पिता को दहेज देने के लिए मजबूर किया गया था और बाद में बड़ा दहेज नहीं मिलने पर उसे प्रताड़ित किया गया। जब उसके पिता ने दहेज देने से इनकार कर दिया, तो उसके पति ने उसे एक काजी और वकील के माध्यम से तलाक-ए-किनाया और तलाक-ए-बाइन दि दिया। याचिकाकर्ता ने बताया कि उसके पति और उसके परिवार ने पिटाई करने के साथ-साथ मौखिक रूप से उसे खूब प्रताड़ित भी किया। पिटाई के दौरान याचिकाकर्ता को गंभीर चोटें आई और कई फ्रैक्चर भी हुए। अक्टूबर 2021 में उसके पति ने उसे उसके माता-पिता के घर छोड़ दिया और जनवरी 2022 में तलाक-ए-किनया और तलाक-ए-बाइन दे दिया।
 


याचिकाकर्ता ने मुस्लिम मैरिज डिसॉल्यूशन एक्ट, 1936 की वैधता को भी चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से इसे अमान्य और असंवैधानिक घोषित करने का आग्रह किया, क्योंकि यह तलाक के इन रूपों से मुस्लिम महिलाओं को सुरक्षित करने में विफल रहता है। याचिका में तर्क दिया गया है कि तलाक-ए-किनाया और तलाक-ए-बाइन और एकतरफा अतिरिक्त-न्यायिक तलाक के अन्य रूप सती के समान एक दुष्ट रोग है और दुर्भाग्य से मुस्लिम महिलाओँ को परेशान कर रहा है, जो बेहद गंभीर स्वास्थ्य, समाजिक, आर्थिक स्थिति पैदा करता है।
 


याचिका में कहा गया है, ”धार्मिक अधिकारी और इमाम मौलवी काजियों आदि, जो तलाक-ए-किनाया और तलाक-ए-बाइन और एकतरफा अतिरिक्त-न्यायिक तलाक के अन्य रूपों का प्रचार, समर्थन और अधिकृत करते हैं, अपनी स्थिति, प्रभाव का घोर दुरुपयोग कर रहे हैं और मुस्लिम महिलाओं को इस तरह के घोर व्यवहार के अधीन करने की शक्ति जो उन्हें संपत्ति के रूप में मानती है, जिससे अनुच्छेद 14, 15, 21, 25 में निहित उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।”
 


किनाया शब्दों के माध्यम से तलाक-ए-किनाया/तलाक-ए-बाइन दिए जाते हैं। जिनका अर्थ है कि मैं तुम्हें आजाद करता हूं, अब तुम आजाद हो, तुम/यह रिश्ता ‘हराम’ है, तुम अब मुझसे अलग हो आदि हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें

गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाया बड़ा कदम, जानिए क्या कहा?

Hindi News/ National News / सुप्रीम कोर्ट ने तलाक-ए-बाइन और तलाक-ए-किनाया के खिलाफ जारी किया नोटिस, जाने क्या है पूरा मामला

ट्रेंडिंग वीडियो