5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Chandrayaan 3: भारत के इस जिले की मिट्टी चांद की सतह जैसी है , वर्षों से ISRO को मिल रही मदद

Chandrayaan-3 Mission: चंद्रयान-3 के लैंडिंग की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। आज शाम 6:04 मिनट पर चंद्रयान चांद की सतह पर उतरेगा। चेन्नई से करीब 400 किलोमीटर दूर स्थित नामक्कल जिले की जमीन चंद्रमा की सतह से मिलती जुलती है। साल 2012 से ही इसरो को क्षमता जांचने के लिए मिट्टी उपलब्ध करा रहा है।

less than 1 minute read
Google source verification
Chandrayaan 3: भारत के इस जिले की मिट्टी चांद की सतह जैसी है , वर्षों से ISRO को मिल रही मदद

Chandrayaan 3: भारत के इस जिले की मिट्टी चांद की सतह जैसी है , वर्षों से ISRO को मिल रही मदद

Chandrayaan-3 Mission: जैसे-जैसे चंद्रयान-3 की लैंडिंग का वक्‍त पास आ रहा है, हर भारतीय के दिलों की धड़कने तेज होती जा रही है। आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो जिस मुकाम तक पहुंचा है। उसमें तमिलनाडु का बड़ा योगदान रहा है। इसरो के इस अभियान को यहां तक पहुंचाने में तमिलनाडु पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, चंद्रयान-2 के मिशन निदेशक मायिलसामी अन्नादुरई, चंद्रयान-3 के परियोजना निदेशक वीरमुथेवल पी का बड़ा योगदान रहा है, ये सभी तमिलनाडु से संबंध रखते हैं। इनके अलावा यहां की मिट्टी ने भी बराबर योगदान दिया है। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 400 किलोमीटर दूर स्थित नामक्कल 2012 से चंद्रयान मिशन की क्षमताओं को जांचने के लिए इसरो को मिट्टी दे रहा है, क्योंकि इस जिले की जमीन चंद्रमा की सतह से मिलती जुलती है। इस प्रकार से ISRO को अपने लैंडर मॉड्यूल की क्षमताओं की जांच करने और इसमें सुधार लाने में मदद मिली है। भूवैज्ञानिकों का कहना है कि तमिलनाडु में नामक्कल जिले में इस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है, जैसी मिट्टी चंद्रमा की सतह पर है। खासतौर पर दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद मिट्टी से काफी मिजली-जुलती है।