
पीएम मोदी। (फोटो- X/@narendramodi)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के चलते तमिलनाडु को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। इससे पहले, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ी अपील कर दी है।
सीएम स्टालिन ने अमेरिकी एक्सपोर्ट पर निर्भर अपने प्रदेश के उद्योगों के सामने आए एक अभूतपूर्व संकट पर चिंता जताई है। पीएम मोदी को लिखे एक पत्र में स्टालिन ने तत्काल और निर्णायक राजनयिक हस्तक्षेप का आग्रह किया है ताकि उस स्थिति को संभाला जा सके, जिसके बारे में उन्होंने चेतावनी दी कि यह एक मानवीय और आर्थिक आपदा बन सकती है।
स्टालिन ने कहा कि भारत के टेक्सटाइल और लेदर एक्सपोर्ट की रीढ़ तमिलनाडु टैरिफ का सबसे ज्यादा असर झेल रहा है। पूरे देश की बात करें तो केवल तमिलनाडु अकेले 28 प्रतिशत टेक्सटाइल एक्सपोर्ट करता है। इस सेक्टर में राज्य लगभग 75 लाख लोगों रोजगार देता है।
यह राज्य लेदर और फुटवियर एक्सपोर्ट में भी लगभग 40 प्रतिशत का योगदान देता है, जिससे 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है। पत्र के अनुसार, तमिलनाडु में स्थिति गंभीर है।
तिरुपुर में एक्सपोर्टर्स ने 15,000 करोड़ रुपये के कन्फर्म ऑर्डर के नुकसान की सूचना दी है। जबकि यूनिट्स में प्रोडक्शन में 30 प्रतिशत की कटौती हुई है।
तिरुपुर, कोयंबटूर, इरोड और करूर जैसे टेक्सटाइल हब में रोजाना लगभग 60 करोड़ रुपये का नुकसान झेल रहे हैं। छोटे और मध्यम उद्यम, जिनमें ज्यादातर एक्सपोर्टर्स शामिल हैं, वह अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे हैं। कई धंधे अब राज्य में बंद होने की कगार पर हैं।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि इसके परिणाम आर्थिक संकट से कहीं ज्यादा बढ़ रहे हैं। वेतन में देरी और कर्मचारियों की छंटनी शुरू हो गई है, जिससे इस सेक्टर पर निर्भर लाखों परिवारों की आजीविका अस्थिर हो गई है।
वेल्लोर, रानीपेट और तिरुपत्तूर में लेदर और फुटवियर क्लस्टर भी इसी तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिससे लंबे समय तक बेरोजगारी की चिंताएं बढ़ रही हैं।
स्टालिन ने यह भी बताया कि अंतर्राष्ट्रीय खरीदार वियतनाम, बांग्लादेश और कंबोडिया जैसे देशों में ऑर्डर भेज रहे हैं, जिन्हें वर्तमान में टैरिफ का फायदा मिल रहा है।
सीएम ने चेतावनी दी कि एक बार जब ग्लोबल सप्लाई चेन बदल जाएगी, तो खोए हुए बाजारों को वापस पाना बेहद मुश्किल होगा। इससे इस सेक्टर में काम करने वाले युवाओं और महिलाओं के लिए लंबे समय तक चुनौतियां पैदा होंगी।
स्थिति को गंभीर बताते हुए स्टालिन ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे अमेरिका के साथ द्विपक्षीय बातचीत में इस मुद्दे को प्राथमिकता दें और एक ऐसा समाधान खोजें जो बाजार का विश्वास बहाल कर सके और एक्सपोर्ट क्लस्टर के पतन को रोक सके।
उन्होंने कहा कि समय पर दखल देने से न सिर्फ तमिलनाडु की औद्योगिक आजीविका सुरक्षित होगी, बल्कि एक भरोसेमंद ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग बेस के तौर पर भारत की विश्वसनीयता भी मजबूत होगी।
Updated on:
18 Dec 2025 10:48 am
Published on:
18 Dec 2025 10:47 am
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