
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- IANS)
पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया चल रही है। इस बीच, राज्य सरकार पर इसमें बाधा डालने का आरोप लग रहे हैं। इस संबंध में चुनाव आयोग के पास पश्चिम बंगाल के कई सरकारी स्कूलों के अधिकारियों की शिकायत पहुंची है।
ऐसा कहा जा रहा है कि अधिकारी टीचरों को राज्य में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के लिए बूथ-लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के तौर पर काम करने के लिए रेगुलर टीचिंग ड्यूटी से छूट नहीं दे रहे हैं।
बीएलओ पश्चिम बंगाल के अलग-अलग सरकारी स्कूलों से जुड़े टीचर हैं। उन्होंने ही चुनाव आयोग से शिकायत की है। जिसमें कहा है कि स्कूल अधिकारी कमीशन के आदेश का सम्मान नहीं कर रहे हैं।
आयोग के आदेश में साफ कहा गया है कि जब तक एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है, बीएलओ को उनके रेगुलर काम पूरा करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। इसके बजाय उन्हें बीएलओ ड्यूटी के लिए भेज दिया जाना चाहिए।
इन टीचर-बीएलओ ने शिकायत की है कि उन्हें पहले हाफ में अपने रेगुलर टीचिंग असाइनमेंट में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है और फिर दूसरे हाफ में बीएलओ ड्यूटी के लिए भेज दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ काम का बहुत ज्यादा प्रेशर बढ़ रहा है, बल्कि वोटरों के बीच बांटे जाने वाले गिनती के फॉर्म इकट्ठा करने के प्रोसेस, उन फॉर्म को डिजिटाइज करने और बीएलओ ऐप के जरिए अपलोड करने पर भी असर पड़ रहा है।
पश्चिम बंगाल के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर के सूत्रों ने कहा- चुनाव आयोग स्कूल अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों को काफी गंभीरता से ले रहा है और जल्द ही राज्य सरकार से बात करके उन्हें टीचरों को उनके रेगुलर काम से हटाकर बीएलओ की ड्यूटी करने का निर्देश देगा।
बीएलओ से चुनाव आयोग को एक और शिकायत मिली है। जिसमें कहा है कि सर्वर पर अधिक प्रेशर होने की वजह से गिनती के फॉर्म अपलोड करने का प्रोसेस अक्सर धीमा हो जाता है, जिससे बीएलओ को रोजाना कम से कम 150 फॉर्म अपलोड करने के कमीशन के टारगेट को पूरा करना मुश्किल होता है।
इसको लेकर चुनाव आयोग ने अपनी टेक्निकल टीम को इस समस्या को हल करने का निर्देश दिया है। 27 अक्टूबर तक इलेक्टोरल रोल के अनुसार पश्चिम बंगाल में कुल वोटर्स की संख्या 7,66,37,529 है।
कमीशन ने एन्यूमरेशन फॉर्म के डिजिटाइजेशन का प्रोसेस 30 नवंबर तक पूरा करने की डेडलाइन तय की थी। पूरा एसआईआरप्रोसेस अगले साल मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है। इससे पहले, पश्चिम बंगाल में 2002 में SIR किया गया था।
Published on:
23 Nov 2025 11:41 am
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