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‘कविता राष्ट्रविरोधी नहीं, पुलिस इसे पढ़े और समझे’, SC ने Imran Pratapgarhi के किस मामले पर की ये टिप्पणी

Imran Pratapgarhi: जस्टिस अभय एस ओका और उज्जवल भुइयां की पीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी कि कविता अहिंसा का संदेश दे रही है।

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भारत

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Ashib Khan

Mar 03, 2025

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी

Imran Pratapgarhi: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। कांग्रेस सांसद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई कविता को लेकर गुजरात के जामनगर में दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की है। SC ने कांग्रेस सांसद को राहत देते हुए कहा कि पुलिस ने मामले में संवेदनशीलता की कमी दिखाई है।

‘कविता अहिंसा का संदेश दे रही है’

जस्टिस अभय एस ओका और उज्जवल भुइयां की पीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी कि कविता अहिंसा का संदेश दे रही है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस को एफआईआर दर्ज करने से पहले संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी। 

राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से नहीं कोई लेना देना

जस्टिस ओका ने कहा कि कविता अहिंसा को बढ़ावा देती है। कविता का धर्म और राष्ट्रविरोधी गतिविधि से कोई लेना देना नहीं है। पुलिस ने संवेदनशीलता की कमी दिखाई है।

‘अन्याय का जवाब प्यार से देंगे’

बता दें कि गुजरात सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस कविता का लोगों ने अलग तरह से अर्थ समझा होगा। तुषार मेहता की इस टिप्पणी पर न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि यही समस्या है। अगर आप कविता को सही तरीके से पढ़ते तो इसका अर्थ समझते। जस्टिस ने कहा कि जो खून के प्यासे हैं वे हमारी बात सुनें। अगर न्याय की लड़ाई का सामना अन्याय से भी होता है तो हम उस अन्याय का जवाब प्यार से देंगे। राज्यसभा में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी का दिखा अलग अंदाज, देखें वीडियो…

गुजरात सरकार को SC ने भेजा था नोटिस

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इमरान प्रतापगढ़ी के कविता मामले को लेकर गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया था और कथित रूप से कांग्रेस सांसद के खिलाफ दर्ज FIR पर कार्यवाही पर रोक लगाने को कहा था।

इमरान प्रतापगढ़ी की गुजरात HC ने याचिका की थी रद्द

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने पहले जामनगर में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन उच्च न्यायालय ने कांग्रेस सांसद की याचिका को खारिज कर दिया। प्रतापगढ़ी ने याचिका में दलील दी थी कि उनका मकसद शांति और प्रेम को बढ़ावा देना था। वहीं गुजरात हाईकोर्ट द्वारा याचिका खारिज करने के बाद कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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