
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एक बार फिर अपनी सोच के साथ सुर्खियों में हैं। उनकी नई सुपर एडवांस टोल टेक्नोलॉजी परिवहन क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने को तैयार है, लेकिन यह मोदी सरकार की आय को झटका दे सकती है। सैटेलाइट-आधारित टोल सिस्टम और पारदर्शी नीति से जहां जनता को सस्ती यात्रा का तोहफा मिलेगा, वहीं टोल से होने वाली कमाई में कमी की आशंका ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। आखिर क्या है यह टेक्नोलॉजी और क्यों हो रही है इसकी इतनी चर्चा? आइए, जानते हैं।
गडकरी ने हाल ही में मुंबई में आयोजित बिजनेस टुडे के BT MindRush 2025 कार्यक्रम में नई टोल नीति की घोषणा की। इस नीति के तहत, 1 अप्रैल 2025 से टोल टैक्स प्रणाली में बड़े बदलाव किए जाएंगे। गडकरी ने संकेत दिए कि नई टेक्नोलॉजी के जरिए टोल संग्रह को और पारदर्शी, किफायती और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया जाएगा। इस तकनीक में सैटेलाइट-आधारित टोल सिस्टम और ऑटोमेटेड टोल कलेक्शन जैसे नवाचार शामिल हो सकते हैं, जो टोल बूथ पर रुकने की जरूरत को खत्म कर देंगे। इसके अलावा, गडकरी ने कहा कि गरीब लोग भी हाइवे निर्माण में निवेश कर सकेंगे और उन्हें 8.05% ब्याज की पेशकश की जाएगी, जो बैंक जमा से कहीं अधिक है।
नई टोल नीति के तहत टोल दरों में कमी और छूट की संभावना है, जिससे सरकार की टोल से होने वाली आय में कमी आ सकती है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के लिए टोल संग्रह एक प्रमुख राजस्व स्रोत है, जिसका उपयोग सड़क निर्माण और रखरखाव में किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर टोल दरें कम होती हैं या कुछ श्रेणियों को छूट दी जाती है, तो इससे सरकार का राजस्व प्रभावित हो सकता है। हालांकि, गडकरी का कहना है कि इस नीति से लंबे समय में अर्थव्यवस्था को फायदा होगा, क्योंकि सस्ती यात्रा से व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
गडकरी ने इस तकनीक को "गेम-चेंजर" करार दिया है। सैटेलाइट-आधारित टोल सिस्टम के जरिए वाहनों की आवाजाही पर नजर रखी जाएगी, और टोल शुल्क उसी हिसाब से वसूला जाएगा, जितना वाहन हाइवे पर चलेगा। इससे पारंपरिक टोल बूथ की जरूरत खत्म हो जाएगी, जिससे समय और ईंधन की बचत होगी। इसके अलावा, यह तकनीक पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है, क्योंकि टोल बूथ पर रुकने से होने वाला प्रदूषण कम होगा। गडकरी ने यह भी कहा कि यह प्रणाली इतनी पारदर्शी होगी कि टोल दरों को लेकर कोई सवाल नहीं उठेगा।
विपक्षी दलों ने इस घोषणा पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ नेताओं ने गडकरी की इस पहल की सराहना की है, लेकिन कुछ ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया। कांग्रेस ने पहले भी गडकरी के बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश की थी, जैसा कि 2024 में उनके एक वीडियो को लेकर हुआ था। विपक्ष का कहना है कि टोल कम करने से सरकार की आय कम होगी, जिसका बोझ अंततः आम जनता पर ही पड़ सकता है।
गडकरी की इस घोषणा से आम जनता में उत्साह है। खासकर, ट्रक चालक और यात्री इस नई टोल नीति से राहत की उम्मीद कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग गडकरी को "रोडकरी" और "विकास पुरुष" जैसे नामों से पुकार रहे हैं, जो उनके सड़क निर्माण और परिवहन क्षेत्र में योगदान को दर्शाता है।
Published on:
16 Apr 2025 04:14 pm
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