21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तिरुमाला स्कैम: पुलिसकर्मी को होना था CID के सामने पेश, फिर रेलवे लाइन के पास मिला शव

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के दान की गिनती में हुए घोटाले के हाई प्रोफाइल मामले से जुड़े एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। अनंतपुर जिले के ताडिपत्रि शहर में रेलवे ट्रैक के पास पुलिसकर्मी का शव पाया गया।

2 min read
Google source verification
Tirumala scam

तिरुमाला स्कैम से जुड़े पुलिसकर्मी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत (फोटो- पत्रिका ग्राफिक्स)

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर ज़िले के एक पुलिस अफ़सर की शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। यह अफ़सर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के 'परकामन' (दान की गिनती) घोटाला मामले के जांच के दायरे में था। पुलिस ने इस घटना के बाद हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। इस घटना की जांच के लिए एक 12 विशेष जांच टीमें गठित की गई है।

सतीश कुमार के रूप में हुई मृतक की पहचान

मृतक पुलिस अफसर की पहचान वाई सतीश कुमार के रूप में हुई है, जो तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में पहले सहायक सतर्कता एवं सुरक्षा अधिकारी (AVSO) के तौर पर काम करते थे। इसके साथ ही परकामिनी चोरी मामले में भी सतीश के खिलाफ जांच चल रही थी। सतीश अनंतपुर जिले के ताडिपत्रि शहर में रेलवे ट्रैक के पास मृत पाया गया था। सतीश के भाई हरि ने इस हत्या बताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

भाई ने दुश्मनों पर लगाया हत्या का आरोप

हरि का कहना है कि, परकामिनी मामले के दुश्मनों ने उनके भाई सतीश की हत्या की है। हरि की शिकायत के आधार पर, गुंटकल की सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1)(b) के तहत एक FIR (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज कर ली है। इसके साथ ही सतीश की मौत के कारणों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए 12 एसआईटी गठित की गई है।

सतीश को शुक्रवार को CID के सामने पेश होना था

सतीश कुमार को परकामिनी मामले में पूछताछ के दूसरे दौर के लिए शुक्रवार को CID (अपराध जांच विभाग) के सामने पेश होना था। उनके साथ दो अन्य पुलिसकर्मी भी पेश होने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई। इससे पहले, CID ने 6 नवंबर को सतीश कुमार से छह घंटे तक कड़ी पूछताछ की थी। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में फिर से जांच शुरु की गई है। अदालत ने CID और ACB (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) को 2 दिसंबर तक मामले की जांच पूरी कर के एक नई रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है।