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बंगाल में सांसद और राज्यपाल के बीच बढ़ा विवाद, गवर्नर के खिलाफ दर्ज कराई FIR

तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल ने राजभवन का गलत इस्तेमाल किया है और राज्य की शांति और स्थिरता को खतरा पहुंचाया है।

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पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस और टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी। (फोटो- ANI)

तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल के गवर्नर के बीच टकराव जारी है। इस बीच, टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस के खिलाफ एक फॉर्मल शिकायत दर्ज कराई है।

उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्यपाल ने राजभवन का गलत इस्तेमाल किया है। उनकी गतिविधियों से राज्य की शांति और स्थिरता भंग हो सकती है। एडवोकेट अर्का कुमार नाग ने शिकायत के बारे में जानकारी दी।

बंगाल की शांति को खतरा

एडवोकेट नाग ने कहा- कल्याण बनर्जी ने शिकायत की है कि बंगाल के गवर्नर राजभवन का इस्तेमाल कुछ गैर-कानूनी कामों के लिए कर रहे हैं, जिनसे बंगाल की शांति को खतरा हो सकता है।

वह बंगाल राज्य, उसके इंफ्रास्ट्रक्चर और उसके कानून-व्यवस्था पर भी सीधे हमले कर रहे हैं; इससे साबित होता है कि गवर्नर की गतिविधियां देशद्रोह के बराबर हैं।

किसी पद के खिलाफ नहीं है शिकायत

बनर्जी के हवाले से वकील ने आगे बताया कि यह एक व्यक्ति के खिलाफ शिकायत है, किसी पद के खिलाफ नहीं है। गवर्नर का पद हम सभी के लिए बहुत सम्मान की बात है और हम संविधान का पूरा सम्मान करते हैं। लेकिन अगर कोई इस पद पर आकर इसका इस्तेमाल गलत मकसदों या क्रिमिनल गतिविधियों के लिए करता है, तो इसे रोका जाना चाहिए।

नाग ने आगे कहा कि शिकायत में कानून के कई प्रोविजन का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें बीएनएस के सेक्शन 61, 152, 163, 194 और 353 शामिल हैं, जो देशद्रोह से जुड़े सभी सब-प्रोविजन को कवर करते हैं।

शिकायत में इन बातों का भी जिक्र

उन्होंने जोर देकर कहा कि शिकायत में भड़काने, गलत जानकारी फैलाने और जनता में अशांति पैदा करने की कोशिश करने वाले सेक्शन का भी जिक्र है।

टीएमसी नेता के वकील ने यह भी बताया कि ये प्रोविजन गवर्नर के मीडिया में दिए गए बयानों के आधार पर शामिल किए गए हैं, जहां उन्होंने कथित तौर पर पुलिस को शिकारी बताया था और राज्य सरकार के काम करने के तरीके की आलोचना की थी।

वकील नाग ने कहा कि मामले को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिकायत में गवर्नर को उन कामों के लिए जिम्मेदार ठहराने की मांग की गई है जो पब्लिक ऑर्डर के लिए खतरा माने जाते हैं और संवैधानिक ढांचे को चुनौती देते हैं।

पश्चिम बंगाल में बढ़ सकता है राजनीतिक तनाव राजनीतिक तनाव

अब शिकायत और उसके बाद की जांच से पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है, जिससे राज्य के शासन में राजभवन की भूमिका की और जांच हो सकती है।

पश्चिम बंगाल राजभवन ने रविवार को एक कड़ा बयान जारी कर कल्याण बनर्जी पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 के तहत अपराध करने का आरोप लगाया।

यह आरोप उनकी हाल की टिप्पणियों के लिए लगाया गया था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि गवर्नर सीवी आनंद बोस राजभवन के अंदर बंदूकें और बम रखते हैं और अपराधियों को पनाह देते हैं।

गवर्नर के ऑफिस की ओर से कहा गया कि बनर्जी के बयानों का पश्चिम बंगाल के लोगों में डर और चिंता पैदा कर सकता है। ऐसे बयान बंगाल में शांति भी भंग कर सकते हैं।

राजभवन ने मंगलवार को बनर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की

इसके अलावा, इसमें यह भी आरोप लगाया गया कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, वगैरह के आधार पर अलग-अलग ग्रुप के बीच दुश्मनी बढ़ाने और समाज में नुकसानदायक काम करने के लिए अपराध किए हैं। राजभवन ने मंगलवार को बनर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।