
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा। (फोटो: IANS.)
Trump Tariffs on India: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) की ओर से भारत पर टैरिफ(Trump tariffs India) बढ़ा कर 50 प्रतिशत करने पर केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए के नेताओं ने नाराजगी जताई है। भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने यहां तक कहा है कि यह युवा भारत है, न झुकेगा, न डरेगा, न रुकेगा। निश्चित रूप से किसान और डेयरी हितों को देखते हुए दूसरे देशों से समझौता होगा। भाजपा (BJP response Trump tariff) सांसद दिनेश शर्मा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, "नया भारत किसी देश से रिश्ते(India US trade relations) खराब नहीं करता है, लेकिन अपने हितों को ताक पर रख कर किसी से समझौता भी नहीं करता है। भारत कृषि प्रधान देश (India agriculture export tariff) है और उनके लिए सरकार ने काम किए हैं। निश्चित रूप से किसान और डेयरी हितों को देखते हुए दूसरे देशों से समझौता होता है।"
शर्मा ने अमेरिकी टैरिफ के भारत पर पड़ने वाले असर को लेकर कहा, "टैरिफ का असर भारत पर क्या होगा, यह भविष्य के गर्त में है, लेकिन भारत पर दबाव का असर नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी ऐसे दबावों को बेअसर कर देते हैं।" उन्होंने दावा किया कि जो देश टैरिफ की बात करते हैं, उनके लिए भारत से निर्यात बहुत कम ही है।
भाजपा सांसद शशांकमणि त्रिपाठी ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि कोई देश किसी और देश पर इसलिए टैरिफ लगाए, क्योंकि उसका रिश्ता तीसरे देश से है, तो यह गलत है।
उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि आप किसी देश को दंडित नहीं कर सकते हैं। भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमारा भी स्वाभिमान है। हालांकि, इस दौरान शशांक मणि त्रिपाठी बोले, "डोनाल्ड ट्रंप ने 21 दिन की मोहलत दी है, लेकिन विश्वास है कि वे 25 प्रतिशत टैरिफ की बढ़ोतरी को वापस लेंगे।" उन्होंने मांग रखते हुए आगे कहा कि वे डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी प्रशासन से आग्रह करते हैं कि टैरिफ को वापस लें।
इस बीच, अमेरिकी टैरिफ पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि जो किसान हित में होगा, सरकार वही कदम उठाएगी। प्रधानमंत्री वही कर रहे हैं। एनडीए में सहयोगी टीडीपी के सांसद लावू श्रीकृष्ण देवरायलु ने कहा, "वे (अमेरिका) हमारे कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोलने की मांग कर रहे हैं, जिसकी हम अनुमति नहीं दे सकते।
साहू ने कहा, अगर हम भारतीय बाजार को ऐसे आयातों के लिए खोल देते हैं, तो हमारा कृषि क्षेत्र अनिवार्य रूप से ध्वस्त हो जाएगा। इसके अलावा, ये जीएम फसलें पेटेंटेड हैं और एक बार जब ये कंपनियां अपने पेटेंटेड बीजों के माध्यम से हमारी कृषि भूमि पर नियंत्रण हासिल कर लेंगी, तो मूल्यांकन और स्वामित्व का लाभ उनके पास चला जाएगा।"
Published on:
07 Aug 2025 03:48 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
