
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Photo-IANS)
Bihar elections: बोधगया की सीट केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के लिए अब प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। महागठबंधन और एनडीए दोनों ने ही पासवान प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है। पासवान वोटों का बंटवारा होने के बाद निर्णायक की भूमिका में मांझी रहेंगे। जनसुराज पार्टी ने यहां लक्ष्मण मांझी को टिकट देकर पेच अड़ा दिया है, जो एनडीए की ही सहयोगी हम पार्टी से अलग होकर प्रशांत किशोर से जुड़े है।
रोचक हो रहे इस चुनाव में इस बार महागठबंधन के प्रत्याशी राजद के कुमार सर्वजीत मौजूदा विधायक है। सर्वजीत पिछला मुकाबल कम अंतर से जीते थे, इस बार उनकी हैट्रिक न हो इसके लिए एनडीए ने पूरी ताकत झोंक दी है। एनडीए के लोजपा (आर) के प्रत्याशी श्यामदेव पासवान हैं।
इस सीट का शहरी इलाका छोटा है और 7% वोटों का वजूद रखता है। शेष 93% लोग गांवों में बसे है। बोधगया, टनकुप्पा और फतेहपुर की ग्रामीण आबादी में लोग बसे है। बौद्धगया गौतम बुद्ध की धरती है, जहां सम्राट अशोक भी आए। ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व की धरती है।
यहां बौद्ध मतदाता भी हैं, जो पूरे बिहार में महज 0.2% हैं, सर्वाधिक बोधगया में हैं। इनके मुद्दे मंदिर और मंदिर विकास से जुड़े हैं। ये बड़ी वोट संख्या को प्रभावित नहीं करते लेकिन सरकार से अपनी मांग विश्व विख्यात मंदिर होने से लगातार रखते हैं। नागरिक विकास मंच बोधगया के सुरेश सिंह के मुताबिक हवाई अड्डे का विस्तार, बुद्धा स्वर्ण भूमि हवाई अड्डे का नामकरण, हवाई अड्डे से बोधगया तक सड़क के दोनों तरफ सौंदर्यीकरण, ड्रेनेज सिस्टम की मांग है।
राजद पांच बार, सीपीआई तीन बार, कांग्रेस दो बार, भाजपा दो बार, जनसंघ, लोजपा और निर्दलीय उम्मीदवार एक-एक बार यहां से जीते है। परिस्थिति और कामकाज को देखकर तय होता है। वामपंथ, दक्षिणपंथ, समाजवादी सभी को परख चुके यहां के मतदाता की मांग यहां का विकास है।
बोधगया में एक बड़ी रैली निकल रही थी। इसमें हजार से अधिक वाहन थे। युवा इसमें ज्यादा नजर आ रहे थे। यहां यूनिवर्सिटी भी है जहां युवा है। यहां पढ़ रही छात्रा मृदुला ने बताया कि युवाओं के रोजगार की बात और बिहार के विकास का मुद्दा बड़ा है। कोई दल जो यह बात उठाएगा वही हमारे लिए ठीक है।
Updated on:
08 Nov 2025 06:35 am
Published on:
08 Nov 2025 06:34 am
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