
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) के कुलगाम जिले के वानपोह इलाके में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ( ULF ) ने ली है। सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे बयान में लिबरेशन फ्रंट ने कहा है कि यह हमला हिंदुत्ववादी ताकतों की ओर से मुस्लिमों को लिंच किए जाने का जवाब है।
ULF ने कहा कि बीते एक साल में बिहार में ही 200 मुस्लिमों को लिंच करके मारा गया है। यही नहीं इस दहशतगर्द संगठन ने घाटी से बाहर के लोगों को लौट जाने की धमकी दी है। यूएलएफ के प्रवक्ता उमर वानी ने कहा, 'हम पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि बाहरी लोग हमारी धरती से चले जाएं, वरना उन्हें अंजाम भुगतना होगा।
यूएलएफ ने रविवार को कुलगाम हमले की जिम्मेदारी ले ली है। इससे पहले भी यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट और द रेजिस्टेंस फोर्स ने स्थानीय नागरिकों और बाहरी लोगों पर हमले की जिम्मेदारी ली थी।
रविवार रात से ही सुरक्षा बल कश्मीर घाटी में बाहरी मजदूरों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने में लगे हैं। गांदरबल, सोपोर और दक्षिण कश्मीर के अन्य इलाकों से मजदूरों को सुरक्षा बल सुरक्षित स्थानों में ले जा रहे हैं।
प्रवासियों में डर का माहौल है। लोगों का कहना है कि रोज इस बात का डर लगा रहता है कि कहीं से कोई आकर हमें या बच्चों को ना मार दे। यही वजह है कि हम घाटी छोड़ने को मजबूर हैं। हम अपने गृहनगर की ओर जा रहे हैं।
बता दें कि कुलगाम जिले के वानपोह में आतंकियों ने एक घर में घुसकर वहां रह रहे बिहार के मजदूरों को निकाल दिया। इस हमले में जोगिंदर रेशी देव और राजा रेशी देव मारे गए। चुनचुन रेशी देव गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स’ नाम के संगठन ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए गैर स्थानीय लोगों के भारतीय एजेंसियों के संपर्क में होने की बात कही।
केंद्रीय एजेंसियों को चेतावनी भरे लहजे में आतंकी संगठन ने कहा है कि अगर कश्मीर की स्थिति में बदलाव नहीं हुआ और गैर स्थानीय लोगों को यहां बसाया गया तो इसके परिणाम खतरनाक होंगे।
Published on:
18 Oct 2021 02:00 pm
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