18 जुलाई 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

UPI Limit Increased: RBI का बड़ा ऐलान, UPI से TAX पेमेंट की बड़ी लिमिट

RBI Increased UPI Limit: मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए आरबीआई ने UPI पेमेंट पर एक बड़ा फैसला लिया है। ये TAX पेमेंट करने से जुड़ा है। आइए जानते हैं इसका फायदा किसे और कैसे मिलेगा-

RBI Governor Shaktikanta Das on UPI limit
RBI Governor Shaktikanta Das on UPI limit

RBI on UPI Limit Increased: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को अगस्त 2024 की मोनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट को लगातार 9वीं बार पहले जैसा यानी 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद कहा कि ग्राहकों को जल्द और बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से यूपीआई के जरिए Tax भुगतान की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की घोषणा कर दी है।

UPI के जरिए TAX पेमेंट की सीमा 5 लाख रुपए

RBI ने यूपीआई के जरिए टैक्स भुगतान की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की घोषणा की है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि वर्तमान में यूपीआई के लिए कर भुगतान की सीमा एक लाख रुपए है। रिजर्व बैंक ने समीक्षा के बाद बीमा, चिकित्सकीय और शैक्षिक सेवाओं आदि जैसी कुछ श्रेणियों के लिए यूपीआई की भुगतान सीमाओं को बढ़ाया है। अब यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट की सीमा को एक लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख प्रति लेनदेन करने का निर्णय लिया गया है।

दूसरे भी कर सकेंगे आपके यूपीआई से भुगतान

RBI ने यूपीआई में 'डेलिगेटेड पेमेंट्स' शुरू करने का भी प्रस्ताव है। इसके तहत एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को अपने खाते से UPI के जरिए पेमेंट करने के लिए अनुमति दे सकेगा। इसमें दूसरे व्यक्ति के लिए UPI से जुड़ा अलग बैंक खाता रखने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, इस प्रक्रिया में प्राइमरी यूजर की मंजूरी जरूरी है। इस संबंध में जल्द ही विस्तृत निर्देश जारी किए जाएंगे। आरबीआई के अनुसार देश में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस का यूजर बेस आधार 42.4 करोड़ हो गया है। हालांकि इसमें और विस्तार की संभावना है।

नौंवी बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

आरबीआई ने आर्थिक गतिविधियों में जारी तेजी का हवाला देते हुए एवं महंगाई पर कड़ी नजर रखते हुए लगातार नौवीं बार नीतिगत दरों को यथावत रखने का फैसला किया है। इससे ब्याज दरों में कमी की उम्मीद लगाए आम लोगों को निराशा हाथ लगी है। आरबीआइ ने पिछले वर्ष अप्रैल में दर वृद्धि चक्र को रोक दिया गया था। यह अभी तक उसी स्तर पर बनी है।

ये भी पढ़ें: अब चेक क्लियर होने में नहीं लगेगा टाईम, आरबीआई ने बदले नियम जानिए पूरी डिटेल

ये भी पढ़ें: CBI ने ईडी अधिकारी को 20 लाख की घूस लेते पकड़ा, ज्वेलर्स की शिकायत पर कार्रवाई