
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद (Photo-IANS)
Vice Presidential Election: बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 को लेकर विपक्षी गठबंधन (इंडिया) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी की 2011 के सलवा जुडूम फैसले को लेकर आलोचना की, इसे माओवाद के समर्थन में करार देते हुए उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उठाए।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुदर्शन रेड्डी ने 2011 में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एस.एस. निज्जर के साथ मिलकर सलवा जुडूम को अवैध और असंवैधानिक घोषित किया था, जिसने छत्तीसगढ़ में माओवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का समर्थन किया, जिसमें शाह ने कहा था कि इस फैसले के कारण नक्सलवाद 2020 तक खत्म नहीं हो सका। प्रसाद ने कहा, अमित शाह की टिप्पणी को 18 पूर्व जजों ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया, लेकिन हम जजों का सम्मान करते हैं। सवाल यह है कि विपक्ष ने ऐसे व्यक्ति को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार क्यों बनाया, जिसके फैसले माओवाद को बढ़ावा देते हैं?
प्रसाद ने विपक्ष पर सत्ता-लोलुपता का आरोप लगाते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सर्वोच्च पद है, और उम्मीदवार की विचारधारा की जांच जरूरी है। उन्होंने तर्क दिया कि यूपीए सरकार ने भी 2011 में सलवा जुडूम का समर्थन किया था, फिर भी विपक्ष ने रेड्डी को चुना। “कानून का छात्र होने के नाते मैं कहता हूं कि सलवा जुडूम फैसले की टिप्पणियां गलत थीं। हम फैसले का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन इसकी विचारधारा पर सवाल उठाना जरूरी है,” प्रसाद ने कहा।
सुदर्शन रेड्डी ने शाह की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि यह फैसला उनका नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट का था। उन्होंने दावा किया कि अगर शाह ने पूरा फैसला पढ़ा होता, तो ऐसी टिप्पणी नहीं करते। रेड्डी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कभी नक्सलवाद से लड़ने पर रोक नहीं लगाई, बल्कि असंवैधानिक तरीकों पर सवाल उठाया था।
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होना है, जिसमें एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन का मुकाबला रेड्डी से है। इस विवाद ने बिहार में सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है, जहां विधानसभा चुनाव भी नजदीक हैं।
Updated on:
25 Aug 2025 07:38 pm
Published on:
25 Aug 2025 07:36 pm
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