6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Vijay Diwas: एक तरफ मनाया जा रहा ‘विजय दिवस’, दूसरी तरफ बांग्लादेश से तनाव, जानिए क्या है कनेक्शन

बांग्लादेश और भारत के प्रतिनिधिमंडल 16 दिंसबर 1971 के युद्ध को याद करते हुए आज के दिन हर साल विजय दिवस मनाते हैं। पाकिस्तान पर बांग्लादेश और भारत की यह एक साझा जीत थी और इसी के बाद ढाका एक स्वतंत्र देश की स्वतंत्र राजधानी के रूप में उभरा था।

2 min read
Google source verification

Kargil Vijay Diwas: हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाने वाला विजय दिवस भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन है। 1971 में इसी दिन भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। कई दिनों तक चले इस युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों और बांग्लादेशी मुक्ति वाहिनी ने अपनी जी जान लगा दी थी, इसी वजह से इसकी जीत भारत के पक्ष में रही। ऐसे में 16 दिसंबर के दिन को उन वीर सैनिकों और नागरिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने इस युद्ध में अपनी जान कुर्बान की थी।

ऐसे हुई थी शुरुआत

3 दिसंबर को, 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू हुआ और 13 दिनों तक चला। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की सेना ने भारतीय सेना और बांग्लादेशी मुक्ति वाहिनी के सामने ढाका में आत्मसमर्पण कर दिया। इस युद्ध के अंत में लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, जो इतिहास में किसी युद्ध में सबसे बड़ा आत्मसमर्पण माना जाता है।

आत्मसमर्पण के कागजों पर किए हस्ताक्षर

16 दिसंबर की शाम ही जनरल नियाजी ने आत्मसमर्पण के कागजों पर हस्ताक्षर किए थे। जब नियाजी ने आत्मसमर्पण के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए, तब उन्होंने अपनी रिवाल्वर जनरल अरोड़ा के हवाले कर दी। इस दौरान नियाजी की आंखों में आंसू थे।

राहुल गांधी ने किया पोस्ट

कांग्रेस के राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर विजय दिवस के मौके पर देश के वीरों को याद किया। उन्होंने लिखा कि विजय दिवस के गौरवशाली अवसर पर हमारे सशस्त्र बलों के शौर्य, समर्पण और संकल्प को नमन करता हूं। भारत की संप्रभुता की रक्षा करते हुए बांग्लादेश को अन्याय से मुक्त करवाने वाले, 1971 के युद्ध के सभी वीरों के अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को देश सदा याद रखेगा।

दोनों देशों के बीच चल रहा है तनाव

भारत और बांग्लादेश के बीच इन दिनों तनाव देखा जा रहा है। तनाव के बीच भी विजय दिवस समारोह का जश्न मनाया जा रहा है और दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल एक दूसरे के देश पहुंच रहे हैं। बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से ही हिंदू समुदाय पर अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही है। साथ ही हाल ही में इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को भी राजद्रोह के आरोप के चलते हिरासत में लिया गया है, इसी के चलते भारत ने भी बांग्लादेश की आलोचना की है।

बांग्लादेश में जहां एक तरफ लगातार हिंदू समुदाय पर अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने किसी भी तरह की सांप्रदायिक हिंसा के मामले को खारिज कर दिया है। बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है, हिंदू समुदाय देश की आबादी का 8 प्रतिशत हिस्सा है।

ये भी पढ़े: Gujarat: सूरत पुलिस ने 1.06 लाख रुपये के नकली नोट जब्त किए, तीन गिरफ्तार