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नई दिल्ली

बिहार: नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ अगर तोड़ा शराबबंदी कानून, जान लें नए नियम

बिहार में लागू शराबबंदी कानून में कई तरह के सुधार भी किए गए हैं। राज्य में शराबबंदी से जुड़े कांडों के ट्रायल में तीन गुना से भी अधिक तेजी आई है। इसके साथ ही सजा दर भी बढ़ी है।

नई दिल्लीMay 03, 2022 / 10:56 am

Archana Keshri

बिहार: नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ अगर थोड़ा शराबबंदी कानून, जान लें नए नियम

बिहार: नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ अगर थोड़ा शराबबंदी कानून, जान लें नए नियम

बिहार में शराबबंदी कानून साल 2016 से लागी है, लेकिन फिर भी पूरे प्रदेश में शराब माफिया बेखौफ हैं। उनके अंदर प्रशासन और सरकार के कानून तक का खौफ नहीं है। तो वहीं राज्य में शराबबंदी कानून को लगातार सख्त किया जा रहा है। अब शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वाले दोषी अभियुक्तों की पहचान कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उन्हें किसी भी तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाए।
सोमवार को प्रेस वार्ता में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने सोमवार को प्रेस वार्ता में बताया कि शराबबंदी लागू होने से लेकर अभी तक एक लाख 16 हजार से अधिक मामलों का ट्रायल शुरु हो चुका है। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि राज्य में शराबबंदी से जुड़े कांडों के ट्रायल में 3 गुना से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
मद्य निषेध विभाग के आयुक्त ने बताया कि मार्च में 127 केस का ट्रायल हुआ था जिसमें 84 को सजा सुनाई गई थी। वहीं सिर्फ अप्रैल में 409 केस का ट्रायल पूरा किया गया है, जिसमें 398 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है, जबकि 55 दोषमुक्त करार दिए गए हैं। तो वहीं अब तक 2372 ट्रायल पूरे हो चुके है, जिसमें से 1553 व्यक्तियों को सजा दी गई है, जबकि 819 को दोषमुक्त करार दिया गया है। उत्पाद आयुक्त ने कहा कि इस मामले में सजा दर भी काफी बढ़ी है।
1 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल के बीच मद्य निषेध और पुलिस विभाग ने राज्य भर में 78,691 छापेमारी की है जिसमें 6834 अभियोग दर्ज किए गए हैं और 9446 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इस अवधि में करीब साढ़े 3लाख लीटर शराब जब्त की गई है। इस कार्रवाई के दौरान 1279 वाहनों को भी जब्त किया गया है।
आपको बता दें, बिहार के सभी जिलों में 14 मई को लोक अदालत लगाई जाएगी, जिसमें बड़ी संख्या में शराबबंदी से जुड़े पुराने मामलों का निबटारा किया जाएगा। और शराब पीने के जुर्म में जेल जाने वाले लोगों की बड़े स्तर पर शराबबंदी की धारा-37 के तहत सुनवाई की योजना भी बनाई गई है।
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