ममता बनर्जी ने डीपी में देश के सभी प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर का कोलाज लगाया गया था। डीपी में महात्मा गांधी से लेकर लाल बहादुर शास्त्री और शहीद भगत सिंह की भी तस्वीर है लेकिन पंडित जवाहर लाल नेहरू नहीं हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू की फोटो नहीं होने पर कांग्रेस ने ममता बनर्जी पर निशाना साधी है और पूछा कि जवाहर लाल नेहरू की अनदेखी क्यों की गई।
कांग्रेस भाजपा पर नेहरु की अनदेखी का आरोप लगाती आई है लिकिन अब ममता बनर्जी भी उस क्लब में शामिल हो गई हैं। कांग्रेस ने इसे लेकर ममता बनर्जी और टीएमसी से सवाल किए हैं। एक ट्विटर यूचर के ट्विट को रीट्वीट करते हुए कांग्रेस ने कहा है, “एक बच्ची द्वारा ममता बनर्जी और टीएमसी को इतिहास का पाठ! क्योंकि उन्होंने अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए अपने स्वतंत्रता दिवस डीपी से देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू को जानबूझकर हटा दिया।”
अभिषेक बनर्जी नामक ट्विटर यूजर ने अपने ट्वीट में अपनी बेटी के स्कैच की एक तस्वीर लगाई है। इस ट्वीट में यूजर ने लिखा है, “टीएमसी और ममता बनर्जी आप अपने स्वतंत्रता दिवस वाली डीपी से अपने गुरु नरेंद्र मोदी को खुश करने के लिए जवाहरलाल नेहरू को जानबूझकर हटा सकते हैं, मगर आप उन्हें इतिहास से नहीं हटा सकती हैं। इसलिए मेरी बेटी ने पहले स्वतंत्रता दिवस के पल को चित्रित कर कुछ बुनियादी इतिहास के पाठ को याद दिलाने की कोशिश की है।” बच्ची ने भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए भाषण में ‘Tryst with Destiny’ का स्केच बनाया है।
नेहरू की तस्वीर हटाने का विवाद कर्नाटक में भी चल रहा है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करते हुए स्वतंत्रता दिवस पर कर्नाटक सरकार के विज्ञापन में प्रकाशित स्वतंत्रता सेनानियों की सूची से जवाहरलाल नेहरू शामिल नहीं थे, इससे दक्षिणी राज्य में सियासी खलबली मच गई है। इसे लेकर कांग्रेस हमलवार है और भाजपा पर भेदभाव के आरोप लगा रही है। कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से ऐसा करने पर सवालों की झड़ी लगाई है और उनसे माफी की भी मांग की।