20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Gen Z, Gen-Alpha, Gen-Beta कौन तय कर रहा ये टर्म, कहां से आ रहे ये नाम

Gen Z, Gen-Alpha, Gen-Beta Generation: क्या आपको पता है Gen Z, Gen Alpha, Gen Beta क्या है और किसने ये टर्म निकले है। आइए जानते है जेनरेशन के नाम के पीछे की वजह और इनमें क्या खूबियां है।

3 min read
Google source verification

Gen Z, Gen-Alpha, Gen-Beta: हमेशा से पीढ़ियों में परिवर्तन करीब 20 साल के बाद होता है। लेकिन इस बार महज 11 साल के अंतराल पर ही जेनरेशन बीटा आ गई है। 1995 से 2012 तक पैदा हुए बच्चे जेनरेशन Gen Z कहा जाता है। यह जेनरेशन मिलेनियल्स के बाद पैदा होने वाली है। इसके बाद 2013 से 2024 तक पैदा हुए बच्चों को 'जेनरेशन अल्फा' कहा जाता है। और 1 जनवरी 2025 से बीटा जेनरेशन की शुरुआत हो गई है। जेन बीटा का पहला बच्चा मिजोरम के परिवार में जन्मा। यह बच्चा 1 जनवरी लगने के 3 मिनट बाद ही यानी 12:03 पर हुआ है। आपको बता दें की जेड यानी जेनरेशन उस पीढ़ी को कहा गया जो ग्लोबल कनेक्टिविटी के साथ ही बड़ी हुई थी। वहीं जेनरेशन अल्फा उस पीढ़ी को कहा गया, जिन्हें जन्म के साथ ही हाईस्पीड इंटरनेट की सुविधा मिली।

क्या है Gen Beta, किसने दिया नाम?

जेनरेशन बीटा उस पीढ़ी को कहा गया है, जो इंटरनेट से जुड़ी तमाम सुविधाओं के बीच पैदा होएंगे। और जिनको हर सुविधा महज एक क्लिक पर ही मिल जाएगी। होम डिलिवरी, टीवी, इंटरनेट समेत ऐसी तमाम सुविधाएं हैं, जिन से महज एक क्लिक पर ही बच्चे काफी चीजें हासिल कर सकते हैं। जेनरेशन बीटा शब्द मार्क मैक्रिंडल ने गढ़ा है, जो समाजविज्ञानी हैं। उनके अनुसार 2025 से 2039 तक का दौर तकनीक के लिहाज से अहम होगा और इस अवधि में पैदा होने वाले बच्चों को 'जेन बीटा' के नाम से जाना जाएगा।

कौन है मार्क मैक्रिंडल?

मार्क मैक्रिंडल एक पुरस्कार विजेता सामाजिक शोधकर्ता, सर्वाधिक बिकने वाले लेखक, Ted X वक्ता और प्रभावशाली विचार नेता हैं। उन्हें नियमित रूप से ऑस्ट्रेलिया के कुछ अग्रणी संगठनों के बोर्ड और कार्यकारी समितियों को रणनीति और सलाह देने का काम सौंपा जाता है।

जेन बीटा नाम रखने की वजह

जेनरेशन बीटा टर्म सुनकर आपके दिमाग में ये जरूर आया होगा कि इसका नाम जेनरेशन बीटा क्यों रखा गया है। दरअसल सभी जेनरेशन यानी पीढियों के नाम उस समय की तात्कालिक परिस्थितियों और हालातों पर रखे जाते है। जो दुनिया में कनेक्टिविटी बड़ी और लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा मिलने लगी उसे जेनरेशन Z यानी जेन जी़ कहा गया। तो वहीं जेनरेशन बीटा उस जनरेशन को कहा गया है। जिस जनरेशन में इंटरनेट से जुड़ी तमाम सुविधाएं मौजूद हैं।

जेनरेशन बीटा में क्या है खूबियां?

जेन बीटा के बच्चे भले ही एडवांस जेनरेशन वाले होंगे लेकिन इसके साथ-साथ उन्हें कई दिक्कतों को फेस करना पड़ेगा। दरअसल धरती का बढ़ता तापमान, शहरों का अत्यधिक विस्तार और जनसंख्या वृद्धि जैसे मसलों से निपटना पड़ेगा। इस पीढ़ी में जन्मे बच्चे टेक्निकली काफी स्मार्ट होने वाले है। वे दुनिया की हर टेक्नोलोजी को यूज़ करने में सक्षम होंगे लेकिन ये बच्चे शरीरिक रूप से थोड़े कमजोर रहेंगे।

कौनसी जेनरेशन बनी ग्रेटेस्ट?

समाजविज्ञानियों के अनुसार 1901 से 1924 के दौर में पैदा हुई पीढ़ी को ग्रेटेस्ट जेनरेशन माना गया है। क्योंकि इन लोगों ने महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपना जीवनयापन किया है। इन लोगों को पारंपरिक मूल्यों के लिए जाना गया था, जो अपने बेसिक्स पर टिके रहे और बच्चों की परवरिश तक के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा है। इसके बाद साइलेंट जेरनेशन की बारी आई थी, जिसकी अवधि 1925 से 1945 तक मानी गई थी। महामंदी और दूसरे विश्व युद्ध के परिणामों के चलते इस पीढ़ी को यह नाम मिला था। इस पीढ़ी को काफी मेहनती और आत्मनिर्भर माना गया है।

मिजोरम में पैदा हुआ पहला जेन बीटा

भारत का पहला जेन बीटा यानी जेनरेशन बीटा का पहला बच्चा मिजोरम राज्य में पैदा हुआ है। जेड्डी रेमरुअत्संगा और रामजिरमावी के घर इस बच्चे ने जन्म लिया। इसका नाम फ्रैंकी रखा गया है।

ये भी पढ़े: Generation BETA: देश के इस राज्य में पैदा हुआ पहला 'जेन बीटा बेबी'