
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Photo-IANS)
जनता जब-जब सड़कों पर उतरी, तब-तब सत्ता का सिंहासन डोला। बांग्लादेश में युवाओं के प्रदर्शन के चलते शेख हसीना की सरकार गई। उन्हें भारत में शरण लेकर रहना पड़ रहा है। नेपाल में हाल ही में केपी शर्मा ओली की सरकार का Gen-Z ने तख्तापलट कर दिया है। भारत में भी कई जन आंदोलन हुए हैं। इमरजेंसी के खिलाफ जेपी का आंदलोन सबसे प्रमुख उदाहरण है। इसके साथ ही, साल 2011 में अन्ना आंदोलन ने UPA 2 की विदाई की रुपरेखा तय की। अब भारत सरकार ने देश भर में हुए आंदोलन पर स्टडी कराने का फैसला लिया है, ताकि आने वाले समय में होने वाले किसी भी जनांदोलन से उचित तरीके से निपटा जा सके।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो को आदेश दिया है कि 1974 के बाद से अब तक हुए सभी जन आंदोलनों की रिपोर्ट तैयार की जाए। उन पर रिसर्च करके यह पता लगाया जाए कि आंदोलन के क्या कारण थे, आंदोलन के पीछे किनकी भूमिका थी। साथ ही, उन आंदोलनों का नतीजा क्या रहा। ताकि भविष्य में होने वाले आंदोलनों को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जाए।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमित शाह ने जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह में नई दिल्ली में इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन 2025 में कहा कि पुलिस प्रशासन के अधिकारी जन आंदोलनों की समीक्षा कर एक SOP तैयार करें।
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि BPR&D को उन विरोध प्रदर्शनों के कारणों, पैटर्न और परिणामों का विश्लेषण करने के लिए कहा गया है, विशेष रूप से उन जनांदोलनों में पर्दे के पीछे कौन लोग शामिल थे, इसका पता लगाने को कहा गया है। अधिकारी ने कहा कि सरकार ने यह निर्देश भी दिया है कि भविष्य में यदि कोई प्लान तरीके से जन आंदोलन खड़ा करने की कोशिश की जाए तो उसे रोकने के लिए क्या मानक होने चाहिए। इस पर भी एक मानक प्रक्रिया तय की जाए।
गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले अधीन BPR&D एक टीम गठित करने की प्रक्रिया में है, जो राज्यों के पुलिस महकमों के साथ मिलकर CID की रिपोर्टों समेत पुराने केस की फाइलों का अध्ययन करेगी। वहीं, दूसरे अधिकारी ने कहा कि अमित शाह ने आंदलोनों को फंड किए जाने वाले पहलुओं की जांच के भी निर्देश दिए हैं। वहीं, अज्ञात आतंकी नेटवर्क, उनके संबंधों और इरादों की पहचान करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया विकसित करने को कहा गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने BPRD को विभिन्न धार्मिक सभाओं पर भी स्टडी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, राज्यों की पुलिस विभागों से समन्वय बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि भगदड़ जैसी घटनाओं को रोका जा सके। वहीं, ऐसे समारोहों की निगरानी और नियमन के लिए भी एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जा सके। अमित शाह ने NIA, BSF और NCB को खालिस्तानी उग्रवाद के खिलाफ भी SOP बनाने के निर्देश दिए हैं।
Updated on:
15 Sept 2025 01:37 pm
Published on:
15 Sept 2025 12:26 pm
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