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अपनी मां को लेकर कब-कब भावुक हुए हैं पीएम मोदी? एक बार लिखी थी 17 पन्नों की चिट्ठी

प्रधानमंत्री मोदी अपनी माँ हीराबेन के प्रति गहरे प्रेम और सम्मान के लिए जाने जाते हैं। माँ के निधन पर लिखे 17 पन्नों के भावुक पत्र से लेकर, 2014 में प्रधानमंत्री बनने पर उनके आशीर्वाद लेने के भावुक पल तक, कई मौकों पर उनकी ममता और स्नेह झलकता रहा है। यह लेख पीएम मोदी के जीवन में अपनी माँ के महत्व को दर्शाता है और हाल ही में उनके खिलाफ़ की गई अभद्र टिप्पणी पर उनकी प्रतिक्रिया को भी उजागर करता है।

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भारत

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Mukul Kumar

Sep 03, 2025

अपनी मां को लेकर कब-कब भावुक हुए हैं पीएम मोदी। (फोटो- ANI)

पीएम मोदी की मां को लेकर विपक्ष की टिप्पणी का मुद्दा हाल ही में बिहार में उठा, जब वोटर अधिकार यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की मां के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और भाजपा ने इसका कड़ा विरोध किया।

इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी मां का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था और उनके लिए अपशब्द कहे जाने से उन्हें गहरा दुख पहुंचा है।

उन्होंने कहा कि मां हमारी दुनिया है, मां हमारा सम्मान है और यह अपमान सिर्फ उनकी मां का नहीं, बल्कि देश की हर मां और बहन का है।

मां के निधन पर लिखी थी चिट्ठी

बता दें कि पीएम मोदी कई मौकों पर अपनी मां के लिए भावुक हो चुके हैं। एक बार, उन्होंने 17 पन्नों की चिट्ठी लिखी थी। दरअसल, पीएम मोदी की मां, हीराबेन मोदी का 100 वर्ष की आयु में 30 दिसंबर 2022 को अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थीं।

मां के निधन के बाद पीएम मोदी ने 17 पन्नों की भावुक भरी चिठ्ठी लिखी थी। इसके साथ, उन्होंने सोशल मीडिया पर भी एक भावुक पोस्ट लिखा था।

जिसमें उन्होंने कहा था कि शानदार शताब्दी का ईश्वर के चरणों में विश्राम… मां में मुझे हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति हुई है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति समर्पित जीवन समाहित रहा है।

अंतिम संस्कार के दौरान, गांधीनगर में पीएम मोदी ने अपनी मां को मुखाग्नि दी और इस दौरान उनकी आंखें नम थीं। उन्होंने अपनी मां के सादगी भरे जीवन और उनके द्वारा दी गई सीख को याद करते हुए गहरी भावुकता दिखाई।

निधन के दिन भी पीएम मोदी ने अपनी मां की इच्छा का सम्मान करते हुए अपने पहले से निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द नहीं किया, लेकिन उनके चेहरे पर शोक और भावुकता स्पष्ट थी।

2014 में मां का आशीर्वाद लेते वक्त भावुक हुए थे पीएम मोदी

2014 में, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बने और अपनी मां से मिलने गए, तो यह क्षण बहुत भावुक था। एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने अपनी मां के सादगी भरे जीवन और उनकी सीख के बारे में बात की।

उन्होंने बताया कि उनकी मां ने हमेशा उन्हें निस्वार्थ सेवा और सादगी का पाठ पढ़ाया। मां के पैर छूते समय और उनके साथ समय बिताते हुए उनकी आंखें नम हो गईं।

यह दृश्य सोशल मीडिया और समाचारों में व्यापक रूप से दिखाया गया। पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि मेरी मां ने मुझे कभी नहीं सिखाया कि बड़ा आदमी बनो, बल्कि सिखाया कि अच्छा इंसान बनो।

2016 में मां के साथ बिताए पल

पीएम मोदी अपनी मां के जन्मदिन पर अक्सर उनसे मिलने जाते थे। 2016 में, हीराबेन मोदी के जन्मदिन पर, पीएम मोदी ने अपनी मां से मुलाकात की और उनके साथ समय बिताया।

इस दौरान, उन्होंने अपनी मां के साथ बचपन की यादें और उनकी सादगी को याद किया। एक सार्वजनिक बयान में, पीएम मोदी ने कहा कि मेरी मां ने मुझे हमेशा सिखाया कि सच्चाई और मेहनत से ही जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है।

मां के बीमार होने पर भावुक हुए थे पीएम

जब भी उनकी मां की तबीयत खराब होती थी, जैसे 2022 में उनके अस्पताल में भर्ती होने के दौरान, पीएम मोदी व्यक्तिगत रूप से उनकी देखभाल के लिए समय निकालते थे। इन मौकों पर उनकी चिंता और भावुकता उनके व्यवहार में दिखाई देती थी।

सार्वजनिक भाषणों में मां का जिक्र

पीएम मोदी ने कई बार अपने भाषणों में अपनी मां के संघर्षों का जिक्र किया है, जैसे उनके बचपन में चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी इकट्ठा करना या परिवार की आर्थिक तंगी। इन कहानियों को सुनाते समय उनकी आवाज में भावुकता स्पष्ट होती थी।