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कौन हैं जस्टिस एम. फातिमा बीवी? जिन्हें मोदी सरकार ने दिया पद्म भूषण सम्मान

Justice M Fathima Beevi: केंद्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज और तमिलनाडु की पूर्व गवर्नर एम. जस्टिस फातिमा बीवी को पद्म भूषण सम्मान दिया है।

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 Who is Justice M Fathima Beevi In which Modi government gave Padmabhushan award

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मोदी सरकार ने पद्म पुरस्कारों ऐलान कर दिया है। सरकार की तरफ से इस बार 132 हस्तियों को पद्म सम्मान दिया गया है। पद्म पुरस्कार पाने वाले एक नाम सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज मीरा साहिब फातिमा बीबी का भी शामिल है। हालांकि उन्हें ये सम्मान मरणोपरांत दिया जाएगा। बता दें कि एम फातिमा बीवी सिर्फ शीर्ष न्यायालय की ही पहली महिला जज नहीं थीं, बल्कि बार काउंसिल में गोल्ड मेडल जीतने वाली भी पहली महिला थीं।


कौन थीं जस्टिस फातिमा बीवी

30 अप्रैल 1927 को केरल के पाथनमिट्टा में जन्मीं फातिमा बीवी को कामयाब वकील और जज बनाने में पिता अन्नावीतिल मीरन साहिब का बड़ा योगदान है। कहा जाता है कि उनके पिता उन्हें वकील बनते देखना चाहते थे। इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कानून में डिग्री हासिल की और नवंबर 1950 में वकील बन गईं। इससे पहले उनकी शुरुआती शिक्षा कैथोलिकेट हाई स्कूल से हुई है। उन्हें स्नातक की पढ़ाई तिरुवनंतपुरम के यूनिवर्सिटी कॉलेज से केमिस्ट्री में की थी।

वकील के तौर पर की करियर की शुरुआत

बता दें कि 1950 में वकालत की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने एडवोकेट के तौर पर केरल में करियर की शुरुआत की। इसके बाद साल 1974 में जिला एवं सत्र न्यायालय में जज बनीं। साल 1980 में उन्होंने इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्युनल का रुख किया और साल 1983 में उच्च न्यायालय की जज बनीं। इसके बाद साल 1989 में इतिहास दर्ज करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पहली महिला जज के तौर पर नियुक्त हुई। सुप्रीम कोर्ट में वह इस पद पर 29 अप्रैल 1992 तक रहीं।

रिटायरमेंट के बाद बनी गवर्नर

सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद फातिमा बीवी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सदस्य बनीं। इसके बाद वह 25 जनवरी 1997 को तमिलनाडु की राज्यपाल बनी। वह इस पद पर 2 जुलाई 2001 तक यानी की 4 साल 158 दिन तक रही। हालांकि उनका कार्यकाल विवादों से भरा रहा। उनका सबसे विवादित फैसला राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान माना जाता है।

दरअसल, उन्होंने साल 2001 में हुए तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के बाद जयललिता को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी। खास बात है कि उस साल TANSI भूमि मामले में दोषी पाए जाने के चलते उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया गया था।

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पांच हस्तियों को पद्म विभूषण की घोषणा

पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, सुलभ इंटरनेशनल के प्रणेता दिवंगत बिंदेश्वरी पाठक, फिल्म अभिनेता चिरंजीवी, पूर्व अभिनेत्री बैजयंती माला बाली और पी सुब्रह्मण्यम को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा।

17 हस्तियों को पद्म भूषण

मिथुन चक्रवर्ती, राम नाईक, एम फातिमा बीबी, ऊषा उत्थुप, विजयकांत, भाजपा नेता ओ. राजगोपाल समेत को 17 पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजा जाएगा। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा सरकार पहले ही कर चुकी है।

110 लोगों के लिए पद्म श्री का ऐलान

इनके अतिरिक्त, 110 पद्मश्री पुरस्कार पाने वालों में भारत की पहली महिला महावत असम की पारबती बरुआ, राजस्थान के जानकीलाल भांड, अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद, लक्ष्मण भट्ट तैलंग, माया टंडन, छत्तीसगढ़ के जागेश्वर यादव, रामलाल बारेठ, हेमचंद मांझी, मध्यप्रदेश के ओमप्रकाश शर्मा, कालूराम बामनिया, सत्येंद्र सिंह लोहिया और भगवतीलाल राजपुरोहित शामिल हैं।

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