बिहार में छठे चरण के चुनाव में सीवान सूबे के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए ही प्रतिष्ठा का विषय है। सीवान लोकसभा क्षेत्र के मुद्दे भी कमोबेश एक जैसे ही हैं। चीनी और सूत मिलों के बंद होने के बाद सरकार द्वारा फिर से चालू नहीं किए जाने की वादाखिलाफी से लोग परेशान हैं। गुड़, गण्डक और गुण्डई का मुद्दा है। यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
सीवान लोकसभा क्षेत्र में इस बार भी शहाबुद्दीन की पत्नी हिना निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरी हैं। हिना यहां पर जदयू की विजयलक्ष्मी और राजद के अवधबिहारी दोनों के लिए ही परेशानी का सबब बनी हुई हैं। हिना सिर पर केसरिया बांध कर घूम रही हैं और उनके साथ की पूरी मंडली भगवा बांधे रहती है। हिन्दू वोटों में सेंध लगाने का प्रयास किया जा रहा है। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की कर्मभूमि रही सीवान का नाम महाठग मिथलेश कुमार सिन्हा उर्फ नटवरलाल से भी जोड़ा जाता है। मिथलेश का जन्म यहीं हुआ था।
राजद के अवधबिहारी पुराने नेता हैं और अनुभवी हैं और पूरी सावधानी से प्रचार कर रहे हैं। उनके मुकाबले जदयू की विजयलक्ष्मी पहली बार चुनाव मैदान में उतरी हैं, पर उनके पति रमेशसिंह कुशवाहा विधायक रह चुके हैं और वह ही पूरे चुनाव की कमान संभाले हुए हैं। यहां पर पीएम नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा की सभाएं हो चुकी हैं। सरकार ने सीवान में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी जिस पर कुछ काम हो भी गया है पर बंद हुई चीनी व सूत मिलें जदयू के लिए परेशानी का कारण बनी हुई हैं।
Published on:
25 May 2024 02:04 pm