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सितंबर में क्यों डूबा कोलकाता? आज कैसा रहेगा मौसम? जानिए सब कुछ

Weather Alert: दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी का दौर शुरू हो गया है। 15 अक्टूबर तक मानसून पूरी तरह लौट जाएगा। भारतीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए कई राज्यों में झमाझम बारिश होने की संभावना जताई है। कोलकाता में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए 25 सितंबर तक स्कूल व कॉलेज बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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Heavy rain in Kolkata

कोलकाता में मूसलाधार बारिश (फोटो-IANS)

IMD अपडेट: देश भर में मानसूनी सीजन (Monsoon Season) में जमकर बारिश हुई। अब मानसून की वापसी का दौर शुरू हो गया है। दक्षिण पश्चिम मानसून राजस्थान (Rajsthan) से लौटने लगा है, लेकिन भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर हिस्से में अब भी मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। बीते मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश के चलते पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजधानी कोलकाता (Kolkata) के कई हिस्सों में जलजमाव हो गया।

बारिश से जुड़ी घटनाओं में 10 की मौत

बारिश के चलते सड़क से रेलवे यार्ड तक डूब गए। बारिश से जुड़ी घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई। दुर्गापूजा का मजा भी बारिश ने किरकिरा कर दिया है। मौसम विभाग के अपडेट के मुताबिक कोलकातावासियों को फिलहाल बारिश से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। IMD ने 26 सितंबर तक भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। विभाग के मुताबिक करीब 40 साल बाद इतनी अधिक बारिश हुई।

25 सितंबर तक स्कूल बंद रखने के निर्देश

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने भारी बारिश की संभावना को देखेत हुए स्‍कूल-कॉलेज बंद करने की घोषणा की है। 24-25 सितंबर को स्कूल और कॉलेज बंद रखने का ऐलान किया गया है। जलभराव और उफान लगे नालों के कारण शहर में कई रोजमर्रा की गतिविधियां प्रभावित हुईं। ममता सरकार में मंत्री ब्रत्य बसु ने ट्वीट कर कहा कि सूबे में अभूतपूर्व आपदा जैसी स्थिति बनी हुई है। सीएम ममता बनर्जी की सलाह को ध्यान में रखते हुए 24 और 25 सितंबर 2025 को सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

जलभराव को लेकर गरमाई सियासत

कोलकाता में जलभराव को लेकर सियासत भी गरमा गई है। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि कम से कम 11 निर्दोष लोगों की जान करंट लगने से गई है। ममता बनर्जी के लापरवाह शासन में पश्चिम बंगाल में यह सामान्य घटना बन गई है। भारत का लंदन कहलाने वाला शहर महज 5 घंटे की बारिश नहीं झेल पाया। बंगाल की जनता को ममता बनर्जी की बेरुखी, KMC की मनमानी और CESC के एकाधिकार का खामियाजा कोलकाता की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

मालवीय ने लिखा कि घटना की जवाबदेही लेने के बजाय ममता सरकार किसी दूसरे के ऊपर दोष मढ़ने में लगी है। उन्होंने कहा कि ममता इस आपदा से हुए नुकसार को मूलसाधार बारिश और दूसरे राज्यों को जिम्मेदार ठहराती है तो फिर ADB से मिले 4300 करोड़ रुपए के ड्रेनेज फंड का क्या हुआ? यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है। यह शासन की आपदा है। शायद यह दुर्गा मां का क्रोध है। यह उस अपमान का क्रोध है, जिसके तहत सीएम ममता ने पितृ पक्ष के दौरान पूजा पंडालों का उद्घाटन कर परंपरा का उल्लंघन किया और हिजाब पहनकर ऐसा कर अपमानित किया!

मूसलाधार बारिश पर ममता ने क्या कहा?

मूसालाधार बारिश को लेकर ममाता बनर्जी ने कहा कि मैंने इतनी भारी बारिश पहले कभी नहीं देखी। सीएम ने कहा कि मुझे उनके लिए बहुत दुख है, जिन्होंने बारिश से जुड़ी आपदाओं में अपनी जान गंवाई है। उन्होंने आपदा के लिए फरक्का बैराज के अपर्याप्त ड्रेजिंग और निजी बिजली कंपनी CESC की लापरवाहियों को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही, कहा कि मृतकों के परिजनों को CESC द्वारा रोजगार दिया जाना चाहिए। मैं इसे स्पष्ट रूप से कह रही हूं। हम भी मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।