29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Republic Day 2024: हर साल कर्तव्य पथ पर क्यों निकाली जाती है गणतंत्र दिवस की परेड, जानें

Republic Day: राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का फैला हुआ कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। इसने स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसे पहले किंग्सवे के नाम से जाना जाता था।

2 min read
Google source verification
Republic Day

Republic Day

भारत देश 26 जनवरी, 2024 को अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है। यह देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण होगा। इस दिन 1950 में संविधान लागू हुआ और भारत एक गणतंत्र बन गया। गणतंत्र दिवस समारोह का केंद्र बिंदु नई दिल्ली में कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर प्रभावशाली गणतंत्र की दिवस परेड है। यह भव्य आयोजन सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं की मार्चिंग टुकड़ियों, सैन्य उपकरणों के प्रभावशाली प्रदर्शन और मोटरसाइकिल टीमों के रोमांचक प्रदर्शन के साथ भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित करता है। इस साल भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को आमंत्रित किया गया है।

क्यों खास है कर्तव्य पथ

राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का फैला हुआ कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। इसने स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसे पहले किंग्सवे के नाम से जाना जाता था। जिसे सन् 1911 में ब्रिटिश राज द्वारा अपनी राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) से दिल्ली स्थानांतरित करने के बाद बनाया गया था। आजादी के तुरंत बाद किंग्सवे का नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया। आजादी की सुबह देखने से लेकर पिछले सात दशकों में वार्षिक गणतंत्र दिवस समारोह की मेजबानी करने तक, राजपथ औपनिवेशिक शासन से अवगत रहा है और एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र की महिमा का आनंद उठाता रहा है। यह मार्ग संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य तक भारत की यात्रा का प्रतीक है।

राजपथ का नाम बदलकर कर्त्तव्य पथ कब किया

सितंबर 2022 में 'राजपथ' का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' कर दिया गया। इसके बाद पीएम मोदी द्वारा संशोधित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के रूप में इसका उद्घाटन किया गया। सरकार के अनुसार, यह तत्कालीन राजपथ से शक्ति के प्रतीक कर्तव्य पथ की ओर बदलाव का प्रतीक है, जो सार्वजनिक स्वामित्व और सशक्तिकरण का उदाहरण है। उद्घाटन के समय पीएम मोदी ने कहा था कि किंग्सवे या राजपथ, ‘गुलामी का प्रतीक’के इतिहास को अब बदल दिया गया है।

कितनी दूरी तय करती है परेड

परेड राष्ट्रपति भवन के पास रायसीना हिल से शुरू होती है। कर्त्तव्य पथ पर इंडिया गेट से गुजरते हुए लाल किले तक जाती है। यह पांच किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करती है। इसके आयोजन स्थल पर 77,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। जिसमें से 42,000 सीटें आम जनता के लिए आरक्षित हैं।

ये भी पढ़ें: इस बेशकीमती धातु का बनता है भारत रत्न, जानिए देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के बारे में 5 रोचक तथ्य