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LPG सिलेंडर के GST में होने के बावजूद, क्यों रहती हैं हर राज्य में अलग–अलग कीमत, जानें असली वजह

एलपीजी सिलेंडर एक जरूरी चीज है। सिलेंडर जीएसटी के अंदर आता है। लेकिन फिर भी हर राज्य में इसकी कीमतें अलग अलग होती हैं। समझिए इसके पीछे की पूरी गणित-

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LPG Gas Cylinders

घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतें नए साल पर 102 रूपये तक काम की गई है। सरकारी तेल कंपनियों ने आज यानी 1 जनवरी को LPG Gas Cylinder की कीमतों में 102.50 रूपये का बदलाव किया है। अब जनवरी महीने में गैस खरीदने के लिए आपको पहले की तुलना में कम पैसे खर्च करने होंगे। आपको बता दें आज कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती की गई है। घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें जस की तस बनी हुई है।

सवाल है कि आखिर गैस के रेट हर राज्यों में अलग अलग क्यों होते हैं। वैसे तो एलपीजी सिलेंडर जीएससी के अंडर आते है, फिर भी हर राज्य में इनकी कीमतें अलग अलग हैं। आई आपको बताते हैं एलपीजी प्राइज से जुड़ी हर एक बात, और बताते हैं कि सरकार को एक सिलेंडर में से कितने रुपये मिलते है।

एक सिलेंडर पर कितना टैक्स लगता है:
एक एलपीजी सिलेंडर में टैक्स की बात करें तो इसमे पेट्रोल-डीजल से अलग व्यवस्था है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार अलग अलग टैक्स नहीं लगाती है। यह जीएसटी के अधीन होता है और इसमें पूरे देश में एक ही टैक्स लगता है और वो सरकार को मिलता है। सरकार ने रसोई गैस को 5 फीसदी वाले स्लैब में शामिल किया है, जिसमें 2.5 फीसदी टैक्स केंद्र सरकार और 2.5 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार को मिलता है।

कई जगह ये बात कही जाती है कि सिलेंडर की कीमत का 55 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार टैक्स के रूप में लेती है। लेकिन ऐसा नहीं है, सरकार की ओर से सिर्फ 5 फीसदी टैक्स लिया जाता है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार आपस में आधा आधा बांट लेते हैं।

सिलेंडर की रेट में ऐसे होता है बटवारा:
बता दें कि 14.2 किलो LPG सिलेंडर पर बेसिक रेट में डिस्ट्रीब्यूशन कमीशन, इस्टैब्लिशमेंट चार्ज, डिलवरी चार्ज शामिल होते हैं और उसके बाद टैक्स भी होता है। लेकिन, टैक्स की रेट हर राज्य में एक ही होती है और 5 फीसदी के आधार पर ही टैक्स लिया जाता है।
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इसलिए होती हैं अलग अलग कीमतें:
अब बताते हैं कि आखिर हर राज्य में अलग-अलग रेट क्यों होती है। दरअसल, हर राज्य में कमीशन और इस्टैब्लिशमेंट चार्ज अलग अलग होते हैं, जो वहां की ज्योग्राफी आदि पर निर्भर करते हैं। इसके आधार पर ही इस्टैब्लिशमेंट चार्ज तय होते हैं, जैसे कहीं ट्रांसपोर्ट चार्ज ज्यादा है तो वहां ये चार्ज ज्यादा होंगे। यह चार्ज हर राज्य के आधार पर होते हैं और इसके आधार पर ही सिलेंडर के रेट हर राज्य में अलग अलग होते हैं।
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