
Yasin Malik sentenced to life imprisonment in terror funding case, fined 10 lakhs
Terror Funding Case: जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट में फैसला सुनाने से पहले लगभग 5 बजकर 35 मिनट में यासीन मलिक को कोर्ट में लाया गया, जिसके बाद उसे सजा सुनाई गई।
आपको बता दें कि न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक की आर्थिक स्थिति व संपत्ति के बारे में रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत करने को कहा था, जिसके बारे में यासीन मलिक के वकील ने बताया है कि यासीन मलिक के पास 11 कनाल यानी लगभल 5564 वर्ग मीटर जमीन है, जिसे उसने पुश्तैनी बताया है। अदालत ने इसी रिपोर्ट के आधार पर यासीन मलिक पर जुर्माने की राशि तय की है। दिल्ली की NIA की स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में 19 मई को यासीन को दोषी करार दिया था।
जम्मू-कश्मीर में अलर्ट पर सुरक्षाबल
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रखा गया है। पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है। इसके साथ ही आतंकी यासीन मलिक के घर के पास भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है। उसके घर व आस पास के इलाकों में ड्रोन के जरिए नजर रखी जा रही है।
श्रीनगर में बंद
यासीन मलिक के फैसले के पहले से ही शहर के कुछ हिस्सों में दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। हालांकि, सार्वजनिक परिवहन और निजी वाहन सामान्य रूप से चल रहे थे। इसके साथ ही अधिकारियों ने बताया कि किसी भी बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति से बचने के लिए श्रीनगर के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा अधिकारियों को तैनात किया गया है।
जम्मू-कश्मीर में हुई पत्थरबाजी
कश्मीर में यासीन मलिक के उसके समर्थकों व सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई है। समर्थकों ने सेना के पर पत्थरबाजी की और उसके समर्थन में नारेबाजी की।
1990-94 तक जेल में बंद था यासीन मलिक
अगस्त 1990 में भारतीय सुरक्षाबलों ने यासीन को पकड़ा था, जिसके बाद वह 1994 तक जेल में रहा। इसके बाद मलिक ने अपने संगठन जेकेएलएफ के साथ युद्ध विराम की घोषणा की। युद्ध विराम की घोषणा के बाद यासीन मलिक ने अपने आप को अलगाववादी नेता बताते हुए एक नये सफर पर चल निकला। इस छवि में उसे कई बार गिरफ्तार किया गया।
इन मामलों में यासीन मलिक पर चला मुकदमा
2017 में यासीन मलिक पर आतंकी घटनाओं से जुड़ने और घाटी में माहौल खराब करने की साजिश करने का आरोप लगा। उसपर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) की धारा 16 (आतंकी गतिविधि), धारा 17 (आतंकी फंडिंग), धारा 18 (आतंकी गतिविधि की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) सहित आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश) और 124-A (राजद्रोह) के तहत केस दर्ज किया गया था। जिसके बाद लंबी चली जांच प्रक्रिया में उसे इन मामलों का दोषी पाया गया है।
Updated on:
25 May 2022 06:22 pm
Published on:
25 May 2022 06:20 pm
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