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नीमच। प्रदेश सराकर ने पुलिस विभाग में कहने को तो पदोन्नति की है, लेकिन धरातल पर देखा जाए तो पुलिस के कंधे पर स्टार लगे है, लेकिन जेब में सिक्के नहीं बढ़े अर्थात वर्तमान में पदोन्नत एएसआई और एसआई को पिछले आरक्षक के वेतनमान से ही वेतन मिल रहा है। जिससे पुलिस विभाग में उनकी जिम्मेदारी तो बढ़ी है, लेकिन वेतन में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।
नीमच जिले में करीब १५० हैड कांस्टेबल और ६० एएसआई पदोन्नत हुए है। लेकिन उनका वेतनमान आरक्षकों के बराबर 1900 और 2400 ग्रेड पे के मान से वेतन दिया जा रहा है। यह स्थिति तब है, जबकि पुलिस लॉ एंड ऑर्डर, नाइट गश्त, वीवीआईपी ड्यूटी और दीवाली ईद, दशहरा, मुहर्रम के मौकों पर मैदान में ड्यूटी भी कर रहा है। जबकि यह वेतन विसंगति दूर करने के लिए पुलिस के मुखिया से लेकर गृह विभाग से प्रशासकीय व वित्त विभाग से सैद्धांतिक सहमति दे चुके हैं। फिर भी सालों से यह मामला कैबिनेट में स्वीकृति के लिए नहीं पहुंच पाया है। पुलिस में तैनात एसआई और एएसआई के मुकाबले इनका वेतन कम है। इन्हें आरक्षकों के समान वेतन दिया जा रहा है। एएसआई को 1900 ग्रेड पे के हिसाब से 19 से 20 हजार रुपए ही वेतन मिल रहा है। इसी तरह एसआई को 2400 ग्रेड पे के मान से करीब 25 हजार रुपए करीब वेतन मिल रहा है। इसी पद पर पुलिस विभाग के 15 कैडर में तैनात एएसआई को 2800 ग्रेड पे के हिसाब से 30 और एसआई को 3600 ग्रेड पे के हिसाब से 36 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है।
कुछ साल पहले गृह विभाग ने जारी किया था पत्र
यह स्थिति तब है जबकि गृह विभाग ने इनकी वेतन विसंगति दूर करने के लिए कुछ साल पत्र तक जारी किया था। इस पत्र के बाद मिनिस्ट्रीयल स्टाफ में शामिल सूबेदार, निरीक्षक और उपपुलिस अधीक्षक की वेतन विसंगति दूर कर दी गई है, लेकिन एसआई और एएसआई को अब भी आरक्षकों के समान ही वेतन दिया जा रहा है।
अपने ही विधायकों की नहीं सुन रही है सरकार
पुलिस स्टाफ की मजबूरी यह है कि वे वेतन विसंगति दूर करने के लिए ना तो हड़ताल कर सकते हैं और ना ही सरकार को ज्ञापन दे सकते हैं। फिर भी उन्होंने अलग-अलग विधायकों को मार्फत अपनी बात शासन तक कई बार पहुंचाई है। पड़ताल के मुताबिक कई जनप्रतिनिधियों ने एसआई (एम) व एएसआई (एम) की वेतन विसंगति दूर करने के लिए शासन को पत्र लिख चुके हैं।
रैंक के हिसाब से वेतन पर चार-पांच करोड़ का भार
कांग्रेस शासन के दौरान 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वत: संज्ञान लेकर एसआई और एएसआई को नियमित पुलिस के समान वेतन देने के संबंध मैं तत्कालीन डीजीपी वीके सिंह से प्रस्ताव मंगवाया था। सिंह ने प्रस्ताव तैयार किया था। इसमें उन्हें समान वेतन देने की अनुशंसा की गई थी। इसमें छत्तीसगढ़, राजस्थान, यूपी और केंद्रीय बलों में कार्यपालिक स्टाफ को समान वेतन देने का हवाला भी दिया था। प्रस्ताव में अनुमान लगाया गया था कि एसआई और एएसआई को रैंक के हिसाब से वेतन देने में शासन पर हर महीने चार-पांच करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।
इनका यह कहना है
शासन स्तर पर वेतनमान तय होते है। कई पुराने आरक्षक है, जिनका रेगुलर भत्ते बढक़र इनका वेतन उतना ही बन रहा है। इसीलिए शासन ने पदोन्नति दी है, लेकिन वेतनमान में कोई वृद्धि नहीं की है। अभी तक किसी ने आपत्ति भी दर्ज नहीं की है। शासन स्तर पर वेतनमान विसंगति को लेकर निर्णय हो सकता है।
- मनोज सिंह, डीआईजी रतलाम रेंज।
Published on:
23 Sept 2023 11:34 am
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