
जिले में अल्पवर्षा के चलते सोयाबीन की फसल पर पड़ा प्रतिकूल असर।
नीमच. मूसलाधार बारिश से जहां प्रदेश के अन्य जिलों में हाहाकार मचा हुआ है वहीं नीमच जिले में सूखे के हालात दिखाई दे रहे हैं। पिछले दो दिनों में ही नीमच जिले में मात्र इंच बारिश हुई है, जबकि दूसरे जिलों में हालात चिंताजनक तक बन गए हैं। नीमच जिले के प्रमुख जलस्त्रोतों में पानी की इतनी आवक नहीं हुई है कि आने वाले 9-10 महीनों में पेयजल आपूर्ति निर्वाध रूप से हो सके।
जाजू सागर बांध में मात्र 10 फीट पानी
प्रदेश में एक सितंबर से बारिश ने कहर बरपा रखा है। पिछले तीन दिनों में हुई बारिश ने मंदसौर से लेकर रतलाम, इंदौर, उज्जैन सहित अन्य जिले में बाढ़ जैसे हालात बन गए। जिला मुख्यालय की प्यास बुझाने वाले जाजू सागर बांध में ही मात्र 10 फीट पानी शेष है, जबकि की क्षमता 22 फीट है। इस वर्षाकाल में बांध में एक फीट तक पानी की आपूर्ति नहीं हुई है। ऐसे में आगामी दिनों में नीमच शहर की करीब डेढ़ लाख की आबादी की प्यास बुझाने में नगरपालिका प्रशासन को संघर्ष करना पड़ेगा। शिवाजी सागर (ठीकरिया बांध) से पेयजल आपूर्ति के प्रयास की बात सामने आई है, लेकिन उस बांध में भी पानी की आवक काफी कम हुई है। एक से 17 सितंबर तक नीमच जिले में 5.1 इंच बारिश दर्ज की गई है। इसमें नीमच विकासखंड में 5.5, जावद में 6.5 और मनासा में 3.4 इंच बारिश ही हुई है। अल्प वर्षा की वजह से जिले में खरीफ फसल पर प्रतिकूल असर पड़ा है। 16 और 17 सितंबर को नीमच जिले में अच्छी बारिश हुई, लेकिन इतनी भी नहीं हुई कि जलस्त्रातों में पानी की आवक हो सके। नीमच जिले में 18 सितंबर तक 28.1 इंच औसत बारिश हुई है, जबकि पिछले साल इस समयावधि तक जिले में 43.4 इंच बारिश हो चुकी थी। जिले की औसत बारिश 35 इंच के करीब है। इस मान से औसत का आंकड़ा छूने में ही 7 इंच बारिश की आवश्यकता है।
Published on:
19 Sept 2023 12:24 pm
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