
Arvind Kejriwal: आठ फरवरी को दिल्ली चुनाव 2025 का परिणाम सामने आने के बाद भाजपा अभी तक दिल्ली के लिए सीएम का चेहरा तय नहीं कर पाई है। माना जा रहा है कि इसी सप्ताह भाजपा के विधायक दल की बैठक में सीएम का नया चेहरा सामने आ सकता है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने भाजपा पर करारा तंज कसा है। आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा "भाजपा गुटबाजी कर रही है, ये तय ही नहीं कर पा रहे हैं कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा।" आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने एएनआई से बातचीत में कहा "भाजपा में गुटबाजी के सीधे संकेत हैं। भाजपा ये तय नहीं कर पा रही है कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन बनेगा। इसको लेकर भाजपा में 10-10 के समूह में गुटबाजी हो रही है। भाजपाई आपस में लड़ रहे हैं, लेकिन इस लड़ाई में दिल्ली की जनता क्यों पिसनी चाहिए? हमारी लगातार बैठकें हो रही हैं। अरविंद केजरीवाल संगठन के साथ बैठक कर रहे हैं। हम अपने नेता को लगातार दिल्ली का फीडबैक दे रहे हैं।"
दिल्ली चुनाव 2025 में मिली प्रचंड जीत के बाद जहां भाजपा के सामने सीएम का चेहरा तलाशने की चुनौती है। वहीं आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को भी एक महत्वपूर्ण फैसला लेना है। आम आदमी पार्टी में इसके लिए मंथन भी शुरू हो गया है। दरअसल, पार्टी गठन के बाद तीन बार दिल्ली की सत्ता संभालने वाले अरविंद केजरीवाल पहली बार बड़े अंतर से चुनाव हारे हैं। अब दिल्ली में सरकार गठन के बाद विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले अरविंद केजरीवाल को नेता प्रतिपक्ष के चेहरे की तलाश करनी है।
दिल्ली में दो बार प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी बुरी तरह चुनाव हार गई। साल 2015 और साल 2020 में 'आप' ने जहां क्रमश: 67 और 62 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं साल 2025 के चुनाव में मात्र 22 सीटों पर सिमट गई। इतना ही नहीं, आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल अपनी सीट भी नहीं बचा पाए। इसके अलावा 'आप' के बड़े नेता मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज, राखी बिड़लान को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में अब अरविंद केजरीवाल के सामने 22 विधायकों में से किसी ऐसे नेता को तलाशने की चुनौती है। जो विधानसभा में विपक्ष के तौर पर न सिर्फ जनता के मुद्दों का ध्यान रखे। बल्कि पार्टी के हितों को साध सके।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, अरविंद केजरीवाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी आतिशी मार्लेना को दे सकते हैं। दरअसल, आतिशी मार्लेना पर बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने सबसे ज्यादा भरोसा जताया है। आतिशी को केजरीवाल ने पहले जहां अपनी सरकार में मंत्री बनाकर डेढ़ दर्जन विभागों की जिम्मेदारी दी। वहीं बाद में सीएम भी बना दिया। कालकाजी विधानसभा सीट से चुनाव जीती आतिशी ने भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद सांसद रमेश बिधूड़ी को पटखनी दी है। इसके अलावा आतिशी मार्लेना तेज तर्रार नेता भी हैं। इन्हीं गुणों के चलते आतिशी मार्लेना विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए सबसे मजबूत चेहरा मानी जा रही हैं।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो आतिशी के अलावा कुछ और नाम हैं। जो अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद माने जाते हैं। इनमें पूर्व मंत्री और 'आप' के संस्थापक सदस्य गोपाल राय भी नेता प्रतिपक्ष के लिए प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। गोपाल राय ने बाबरपुर विधानसभा से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। इसके अलावा वह आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक भी हैं। गोपाल राय यूपी के मऊ के मूल निवासी हैं। ऐसे में केजरीवाल उन्हें नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी देकर पूर्वांचली कार्ड खेल सकते हैं। इसके अलावा पूर्वांचली दावेदारों में संजीव झा का भी नाम शामिल है। जबकि कोंडली से आम आदमी पार्टी के विधायक और युवा दलित चेहरे कुलदीप कुमार (मोनू) को भी केजरीवाल नेता प्रतिपक्ष बना सकते हैं। कुलदीप के पिता एमसीडी में सफाई कर्मचारी हैं। ऐसे में कुलदीप को नेता प्रतिपक्ष बनाकर दलितों को साधा जा सकता है।
Updated on:
12 Feb 2025 02:28 pm
Published on:
12 Feb 2025 02:27 pm
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