
AAP MLA Suspended: दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन बुधवार को सदन में काफी हंगामा हुआ। बुधवार को विधानसभा में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने दिल्ली के न्याय मंत्री कपिल मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन एक दिन पहले दिल्ली के एक अदालत द्वारा 2020 के दिल्ली दंगों में कपिल मिश्रा की कथित भूमिका को लेकर उनके खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए जाने के बाद हुआ। AAP विधायकों का आरोप था कि कपिल मिश्रा की भूमिका दिल्ली दंगों में संदेहास्पद रही है। इसलिए उनसे इस्तीफा लिया जाए। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने किया।
आम आदमी पार्टी के विधायक हाथों में तख्तियां और नारेबाजी करते हुए विधानसभा वेल में घुस आए। इस हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कार्रवाई करते हुए सात AAP विधायकों को निलंबित कर दिया। निलंबित किए गए विधायकों में कुलदीप कुमार, संजीव झा, मुकेश अहलावत, सुरेंद्र कुमार, जरनैल सिंह, आले मोहम्मद और अनिल झा शामिल थे। इस कार्रवाई के बाद आप विधायक आतिशी ने भाजपा पर कानून एवं न्याय मंत्री कपिल मिश्रा को बचाने का आरोप लगाया। आतिशी ने पीटीआई से कहा “दिल्ली दंगों के सभी आरोपी जेल में हैं। कपिल मिश्रा सलाखों के पीछे क्यों नहीं हैं? हम उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, लेकिन भाजपा उन्हें बचा रही है।”
इस पूरे घटनाक्रम ने विधानसभा में गंभीर तनाव उत्पन्न कर दिया और सदन की कार्यवाही में अवरोध उत्पन्न हुआ। इसी के चलते विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के सात विधायकों को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने विधानसभा सचिव को यह सत्यापित करने का निर्देश दिया है कि निलंबन के बाद भी निलंबित विधायक विधानसभा परिसर में तो नहीं हैं। इस घटनाक्रम के बाद, AAP नेताओं ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम बताया।
दरअसल, आठवीं विधानसभा के पहले सत्र के दौरान तीन मार्च को स्पीकर गुप्ता ने फैसला सुनाया था कि कोई भी विधायक जिसे निलंबित किया जाता है या जिसे मार्शल द्वारा बाहर निकाला जाता है। उसे पूरी तरह से विधानसभा परिसर से बाहर निकलना होगा। इसी के तहत विधानसभा अध्यक्ष ने सचिव को इसके सत्यापन का आदेश दिया है।
दरअसल, दिल्ली दंगे पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को कोर्ट ने दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा पर मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने बताया था कि कपिल मिश्रा की दिल्ली दंगों में प्रथम दृष्टया संलिप्तता मिलती है। इसलिए यह मामला जांच योग्य है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 16 अप्रैल तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश भी दिया है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने यह आदेश दिल्ली के यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास की शिकायत पर सुनवाई करते हुए दिया। इलियास ने दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा पर 24 फरवरी, 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मिलीभगत का आरोप लगाया था। इस हिंसा में 53 लोग मारे गए थे। जबकि कई लोग घायल हुए थे। कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने याचिका का विरोध करते हुए कहा दंगे में कपिल मिश्रा की कोई भूमिका नहीं थी और उन पर दोष मढ़ने की कोशिश की जा रही है।
Updated on:
03 Apr 2025 01:03 pm
Published on:
02 Apr 2025 04:46 pm
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