फैसला : मई से जांच
नई दिल्ली. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के बाद अब कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने भी भर्ती परीक्षाओं में आधार-आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण लागू करने का फैसला किया है। नई प्रणाली अगले महीने होने वाली भर्ती परीक्षाओं से लागू होगी। एसएससी के नोटिस में कहा गया कि अभ्यर्थी मई 2025 से ऑनलाइन पंजीकरण, परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन और आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में बैठने के लिए परीक्षा केंद्र पर उपस्थित होते समय आधार के जरिए खुद को प्रमाणित कर सकेंगे।एसएससी के मुताबिक इस तरह का आधार प्रमाणीकरण स्वैच्छिक है। इसका मकसद परीक्षा प्रक्रिया सरल बनाना है। अधिकारियों ने कहा कि आधार-आधारित प्रमाणीकरण से यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी कि सरकारी नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थी अपनी पहचान को गलत न बताएं या आयोग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में बैठने के लिए धोखाधड़ी वाले साधनों का इस्तेमाल न करें। पिछले साल 12 सितंबर को जारी अधिसूचना में केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने कहा था कि एसएससी स्वैच्छिक आधार पर आधार प्रमाणीकरण कर सकता है। इससे पहले मंत्रालय ने 28 अगस्त को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के आधार-आधारित प्रमाणीकरण को मंजूरी देने के लिए अधिसूचना जारी की थी। किसी भर्ती एजेंसी के लिए ऐसा पहली बार किया गया था। केंद्र सरकार के ग्रुप 'ए' और 'बी' पदों पर भर्ती के लिए हर साल कई भर्ती परीक्षाएं और साक्षात्कार होते हैं।
एआइ सीसीटीवी निगरानी प्रणाली
एसएससी और यूपीएससी की भर्ती परीक्षाओं में लाखों अभ्यर्थी शामिल होते हैं। यूपीएससी ने पिछले साल धोखाधड़ी और प्रतिरूपण रोकने के लिए चेहरे की पहचान के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) आधारित सीसीटीवी निगरानी प्रणाली के इस्तेमाल का फैसला किया था। यूपीएससी सालाना 14 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है। इनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के चयन के लिए सिविल सेवा परीक्षा शामिल है।