
Violence in the country and 13 parties' letter to PM; Uddhav Thackeray refuses to sign
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में हुए एमएलसी चुनाव में एमवीए को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, बीजेपी ने चुनाव में राज्य में सत्ता पर काबिज महाविकास अघाडी को चित कर दिया है। 6 सीटों पर हुए एमएलसी चुनाव में बीजेपी ने नागपुर सहित 4 सीटों पर जीत दर्ज की है। बता दें कि भाजपा ने अकोला-बुलढाणा-वाशिम सीट शिवसेना से छीन ली। एमएलसी चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन से समर्थकों में खुशी की लहर है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़णवीस ने पार्टी की इस जीत पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने एमवीए के इस मिथक को तोड़ दिया है कि तीनों दल (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) मिलकर प्रदेश में सभी चुनाव जीत सकते हैं।
बता दें कि चुनाव आयोग ने 10 दिसंबर को महाराष्ट्र विधान परिषद की 6 सीटों पर वोटिंग की घोषणा की थी। बीएमसी की 2 सीटों पर हुए चुनाव में 1 सीट पर शिवसेना से सुनील शिंदे ने जीत दर्ज की है। वहीं दूसरी सीट पर भाजपा के राजहंस सिंह ने निर्विरोध जीत हालिस की है। इसके साथ ही कोल्हापुर और नंदुरबार-धुले विधान परिषद चुनावों में भी कांग्रेस और भाजपा ने 1-1 सीट पर निर्विरोध जीत हासिल की।
वहीं नागपुर और अकोला-बुलढाणा-वाशिम सीटों पर 10 दिसंबर को मतदान हुआ था। जिला सूचना कार्यालय ने बताया कि नागपुर में पड़े 554 वोटों में से भाजपा उम्मीदवार और सूबे के पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को 362 वोट मिले और एमवीए समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार मंगेश देशमुख को 186 वोट से संतोष करना पड़ा।
इसके साथ ही अकोला-वाशिम-बुलढाणा में शिवसेना के तीन बार के विधान पार्षद गोपीकिशन बाजोरिया को भाजपा के वसंत खंडेलवाल ने मात दी। कुल 808 वोटों में से खंडेलवाल को 443 जबकि बजोरिया को 334 वोट मिले।
भारतीय जनता पार्टी की इस जीत पर पूर्व सीएम देवेंद्र फड़णवीस महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। फड़णवीस ने कहा कि एमवीए में शामिल पार्टियां दावा कर रही थीं कि तीनों दल मिलकर सभी चुनाव जीतेंगे। आज भाजपा ने राज्य सरकार के इस मिथक को चकनाचूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस जीत ने हमारी भविष्य की जीत की नींव रखी है।
गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार है। पहले शिवसेना और कांग्रेस राज्य में साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी, लेकिन दोनों में सीएम की कुर्सी को लेकर सहमति नहीं बन सकी। इसके बाद तीनों पार्टियों ने मिलकर राज्य में सरकार बनाई। वहीं सरकार में सहयोगी पार्टियों का दावा है कि आने वाले सभी चुनावों में हराना आसान नहीं होगा।
Updated on:
14 Dec 2021 05:58 pm
Published on:
14 Dec 2021 05:29 pm
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