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दिल्ली: अवैध कॉलोनियों में सड़कों और नालियों के निर्माण के लिए ‘आप सरकार’ ने आवंटित किया बजट

दिल्ली सरकार ने अवैध कॉलोनियों में सड़कों और नालियों के निर्माण के लिए बजट आवंटित कर दिया है। सीएम केजरीवाल ने गुरुवार को स्वयं ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी।

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दिल्ली सरकार ने अवैध कॉलोनियों में सड़कों और नालियों के निर्माण के लिए आवंटित किया बजट

दिल्ली: अवैध कॉलोनियों में सड़कों और नालियों के निर्माण के लिए 'आप सरकार' ने आवंटित किया बजट

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एलजी और दिल्ली सरकार के बीच चल रही प्रशासनिक जंग में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ब्रेक लगते ही अवैध कॉलोनियों में रहने वालों के लिए एक अच्छी खबर आई है। दरअसल दिल्ली सरकार ने अवैध कॉलोनियों में सड़कों और नालियों के निर्माण के लिए बजट आवंटित कर दिया है। सीएम केजरीवाल ने गुरुवार को स्वयं ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा 'अवैध कॉलोनियों में रहने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। दिल्ली सरकार ने सभी अवैध कॉलोनियों में पेंडिंग पड़े सड़कों और नालियों के निर्माण के लिए बजट आवंटित कर दिया है। बहुत जल्द ही कार्य शुरू हो जाएगा। यह आपको गरिमापूर्ण और बेहतर जीवन की स्थिति प्रदान करेगा।' केजरीवाल ने कहा कि राजधानी दिल्ली में दशकों से कई लोग नरकीय स्थिति में जीने को मजबूर थे। पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की सरकार ने इतने बर्षो तक कुछ भी नहीं किया, लेकिन अब फंट आवंटित किया जा चुका है और काम बहुत जल्द ही शुरु कर दिया जाएगा।

अदालत ने 1797 अवैध कालोनियों में निर्माण कार्यों पर लगाई थी रोक

आपको बता दें कि इससे पहले अप्रैल में देश की सर्वोच्च अदालत ने सीलिंग मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली की 1797 अवैध कालोनियों में निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। स्पेशल टास्क फोर्स को आदेश दिया था कि दो हफ्ते में पब्लिक रोड और फुटपाथ से कब्जे हटाए जाएं। न्यायमूर्ती मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने केंद्र को निर्देश दिया था कि वह विशेष कार्य बल (एसटीएफ) गठित कर दिल्ली में सार्वजनिक जमीन और सड़कों से अतिक्रमण हटाए। सर्वोच्च न्यायालय ने शहर के मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधनों पर लगी रोक हटाने की दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की याचिका भी खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि जहां अधिकृत कॉलोनियां हैं, जो नियम और कानून का पालन करती हैं, वहां अनधिकृत कालॉनियां भी हैं, जो नियम और कानूनों का पालन नहीं करती हैं। अनधिकृत कॉलोनियां अधिकृत कॉलोनियों से बेहतर स्थिति में नहीं हो सकतीं। पीठ ने निर्णय दिया था कि, जब तक अनधिकृत कॉलोनियां नियम-कानून का पालन न करें, वहां निर्माण कार्य रोक दिया जाए।