नई दिल्ली। भाजपा ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर जातिगत सर्वे के नाम पर मजाक करने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेस में सवाल उठाते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार ने पिछले जातीय सर्वेक्षण पर सरकारी खजाने से लगभग 165 करोड़ खर्च किए, लेकिन उसमें इतनी गलतियां थीं कि आज तक वह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। अब कांग्रेस सरकार एक नया जातीय सर्वेक्षण करवा रही है, तो इस सरकारी धन के दुरुपयोग की जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी नारा देते हैं, ‘जितनी आबादी, उतना हक’ वास्तव में उनका केवल एक परिवार को हक देने का प्रयास है।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण को भी 4 से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया था, यह कहकर कि वे आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। इससे कांग्रेस की वह राजनीति उजागर होती है, जो सांप्रदायिक तुष्टिकरण को सामाजिक न्याय के ऊपर रखती है। ओबीसी आरक्षण तो तटस्थ होता है, फिर तेलंगाना में हिंदू ओबीसी और मुस्लिम ओबीसी कैसे अलग हो सकते हैं? इसका अर्थ है कि कांग्रेस की राजनीति पूरी तरह ‘डिवाइड एंड रूल’ पर आधारित है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान कहा जाता था कि सरकार प्रधानमंत्री के निर्देश से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के निर्देश से चलती है। आज जब कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया कहते हैं कि यह सर्वेक्षण मेरी सरकार या कैबिनेट का निर्णय नहीं है, बल्कि ऊपर से निर्देश है, तो क्या कांग्रेस फिर से किसी संविधान से इतर संस्था के माध्यम से सरकार चला रही है? यदि यह निर्णय मुख्यमंत्री की कैबिनेट का नहीं है, तो फिर यह कौन‘ऊपर से निर्देश’ दे रहा है? इसका स्पष्ट अर्थ है कि कांग्रेस एक बार फिर संविधान से इतर संस्थाओं के माध्यम से शासन चलाकर देश के संविधान का अपमान कर रही है।
भूपेंद्र यादव ने सवाल पूछते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए ओबीसी सिर्फ एक वोट बैंक है, इससे अधिक कुछ नहीं। जब कांग्रेस विधानसभा और लोकसभा में जातीय जनगणना का समर्थन कर रही थी, तो अब वह इससे पीछे क्यों हट रही है?
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले सर्वेक्षण में कांग्रेस ने मुस्लिमों को 18% के साथ सबसे बड़ा वर्ग बताया था, जबकि 2015 में यह आंकड़ा 12% था। दूसरी ओर, वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों की जनसंख्या को जानबूझकर ठीक से नहीं दर्शाया गया। इन तथ्यों से यह साफ़ झलकता है कि कांग्रेस की ओबीसी वर्ग के प्रति कोई सच्ची प्रतिबद्धता नहीं है, बल्कि वह इसे केवल राजनीतिक प्रचार का साधन मानती है।
Updated on:
18 Jun 2025 09:53 am
Published on:
17 Jun 2025 04:46 pm