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ओडिसा में दूसरी बार हादसे का शिकार हुई है कोरोमंडल एक्सप्रेस

- साल 2009 में रेल बजट के दिन जाजपुर में हुए हादसे में गई थी 16 जानें

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ओडिसा में दूसरी बार हादसे का शिकार हुई है कोरोमंडल एक्सप्रेस

ओडिसा में दूसरी बार हादसे का शिकार हुई है कोरोमंडल एक्सप्रेस

नई दिल्ली। ओडिसा के बालासोर जिले में बाहानाहा स्टेशन के पास शुक्रवार शाम हादसे का शिकार हुई हावड़ा-चैन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन में 280 से ज्यादा जानें जाने की पुष्टि हो चुकी है।

यह दुःखद संयोग ही कहा जाएगा कि यह ट्रेन ओडिसा में दूसरी बार हादसे का शिकार हुई है। इससे पहले साल 2009 में ओडिसा के ही जाजपुर रेलवे स्टेशन के पास 14 फरवरी 2019 को हावड़ा से चैन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस ट्रेन दुर्घटना में 16 लोगों की जान गई थी। इस हादसे वाले दिन ही लोकसभा में रेल बजट पेश किया जा रहा था।

अब तक सबसे भीषण हादसा

बालासोर रेल हादसे को 6 जून 1981 को बिहार में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद का सबसे भीषण हादसा माना जा रहा है। लगभग 42 साल पहले तूफान की वजह से मानसी-सहरसा खंड में पुल के ऊपर से गुजर रही ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर कर बागमति नदी में जा गिरे। इस हादसे में 800 लोगों की मौत हुई थी। सरकारी आंकड़ों में 300 मौतों की ही पुष्टि की गई थी। बताते हैं कि हादसे में हताहत हुए कई लोगों के शव तो अभी तक नहीं मिले हैं। इसके बाद 1995 में फिरोजाबाद के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस व कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेनों की टक्कर में 250 मौतें और 3 अगस्त 1999 को दिल्ली जा रही ब्रह्मपुत्र मेल की अवध-असम एक्सप्रेस से टक्कर में 285 मौतें हुई थी।

सत्रह माह बाद रेल हादसा

बालासोर हादसे से पहले आखिरी दुर्घटना सम्भवतः 13 जनवरी 2022 को हुई थी। जब पश्चिम बंगाल के अलीद्वारपुर में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में नौ लोगों की मौत हुई थी। रेलवे सूत्रों का कहना है कि हाल के बरसों में रेल संरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों व तकनीकी विकास की वजह से रेल हादसों की संख्या में कमी आई है। साल 1980 से 2002 तक ट्रेन पटरी से उतरने की औसतन चार सौ से ज्यादा घटनाएं होती रही है। साल 2020 में यह संख्या घटकर 22 रह गई।