
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर एक्शन में रेखा सरकार।
Rekha Government: दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए हर हथकंडा अपना रही है। इसी के तहत निजी और सरकारी दफ्तरों को अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम देने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा दिल्ली में नो PUC-नो फ्यूल का नियम भी लागू कर दिया गया। इसके बावजूद प्रदूषण अभी भी खतरनाक लेवल पर बना हुआ है। सोमवार को दिल्ली में कई जगह एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। इसपर दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने नियमों का उल्लंघन करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को बताया कि बीते चार दिनों में गाड़ियों की गहन फिटनेस जांच की गई। इस दौरान करीब 10 हजार गाड़ियां एमिशन टेस्ट में फेल हो गईं। इसके साथ ही मनजिंदर सिंह सिरसा ने उन फैक्ट्रियों और निजी कंपनियों को कड़ी चेतावनी दी, जो सरकार के आदेशों के खिलाफ प्रदूषण कम करने में सहायता नहीं कर रही हैं। सिरसा का कहना है कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ अब नोटिस नहीं जारी होगा, बल्कि सीधा एक्शन लिया जाएगा। यानी प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों और फैक्ट्रियों को सील किया जाएगा और भारी जुर्माना ठोका जाएगा।
दिल्ली की रेखा सरकार में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आगे कहा कि 16 दिसंबर की देर रात तक दिल्ली में कुल 2,12,332 नए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं। इस बीच करीब 10,000 वाहन अनिवार्य उत्सर्जन जांच में फेल पाए गए। मंत्री ने बताया कि दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के अधिकारी अवैध फैक्टरियों को तुरंत सील करने के लिए विशेष अभियान भी चला रहे हैं। दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने ये भी कहा कि निजी कंपनियों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति और वर्क-फ्रॉम-होम के नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी कार्यालय ने इन नियमों का उल्लंघन किया तो उसपर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरियों को बंद करने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों की नियमित धुलाई और बायोमाइनिंग के जरिए कचरे का निस्तारण भी कराया जा रहा है।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि स्थानीय निकायों और एजेंसियों के समन्वय से दिल्ली को धूल-मुक्त बनाया जाए। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और राजस्व विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय राजधानी के जल निकायों को पुनर्जीवित करने के प्रयास भी तेज किए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने इसके लिए लक्ष्य निर्धारित किया है कि पिछले कुछ सालों में समाप्त हो चुके कम से कम 50 प्रतिशत जल निकायों को फिर से बहाल किया जाए।
Published on:
22 Dec 2025 06:07 pm
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