
Delhi: सफदरजंग अस्पताल को दिल्ली महिला आयोग ने भेजा नोटिस, गर्भवती महिला को भर्ती से मना करने का है मामल
दिल्ली महिसा आयोग को सफदरजंग अस्पताल के परिसर में महिला की पीड़ा को दिखाता हुआ एक वीडियो प्राप्त हुआ और मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुऐ आयोग ने तुरंत ही अस्पताल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आयोग के अनुसार उक्त वीडियो में गर्भवती महिला को महिलाओं से घिरा देखा जा सकता है जो उसके प्रसव में उसकी सहायता कर रही हैं। साथ ही वीडियो में एक महिला को सुना जा सकता है जो अस्पताल पर भर्ती न करने का आरोप लगा रही है कि गर्भवती महिला पूरी रात अस्पताल के बाहर बैठी रही लेकिन अस्पताल ने न ही दाखिला दिया और न डॉक्टरों ने कोई मदद की।
आयोग ने सफदरजंग अस्पताल को नोटिस जारी कर अस्पताल से घटना के सम्बन्ध में एक विस्तृत जांच रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग ने अस्पताल से महिला की हालत गंभीर होने के बावजूद भी उसे भर्ती देने से इनकार करने के बारे में भी कारण बताने को कहा है, जिस कारण अंततः मजबूरन उसे अस्पताल की इमारत के बाहर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। वहीं, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इस मामले में जांच बैठाई गई है। महिला नवजात बच्चे को अस्पताल की नर्सरी में और महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया है।
जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
आयोग ने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों और उनके खिलाफ अस्पताल द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण मांगा है। इसके अलावा, आयोग ने अस्पताल से ये भी बताने को कहा है कि क्या अस्पताल के किसी कर्मचारी या डॉक्टर ने अस्पताल की इमारत के बाहर महिला की डिलीवरी में मदद करी या नहीं । साथ ही आयोग ने आपातकालीन मामलों में अस्पताल द्वारा अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल के संबंध में भी जानकारी मांगी और मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल से 25 जुलाई, 2022 तक अस्पताल से मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।
स्वास्थ्य प्रणाली पर लोगों का विश्वास हो रहा है कमजोर
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने इस घटना पर रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि जब प्रतिष्ठित सरकारी अस्पताल भी गंभीर रोगियों को भर्ती और इलाज देने से इनकार करते हैं तो सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में आम लोगों का विश्वास कमज़ोर पड़ता हैं। मैंने सफदरजंग अस्पताल को नोटिस जारी कर अस्पताल से मामले में संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए कहा है। यह बहुत ही शर्मनाक घटना है और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जानी चाहिए और स्थिति को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दुबारा सामने ना आएं।
लोगों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ उठाए सवाल
इस मामले का सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने सरकारी अस्पताल प्रणाली और उसके प्रबंधन व व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लोगों ने कहा है कि मौजूदा समय में इस तरह की घटना समाज के सामने सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे की पोल खोलती हैं और इससे यह दर्शाता है कि गरीब महिलाओं व अन्य पीड़ित लोगों को सरकारी अस्पताल में कोई सुविधा नहीं मिलती है। और न ही उनकी अधिकारियों द्वारा सुनवाई की जाती है।
Updated on:
19 Jul 2022 06:20 pm
Published on:
19 Jul 2022 06:09 pm
बड़ी खबरें
View Allनई दिल्ली
दिल्ली न्यूज़
ट्रेंडिंग
