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Delhi Court: दरवाजा खोल, मुझे तेरे साथ…किराएदार महिला से दबंगई करने वाले को कोर्ट ने लगाई फटकार

Delhi Court: अपने परिवार के सा‌थ किराए पर रहने वाली महिला से अश्लील भाषा में बात करने वाले युवक को कोर्ट ने दोषी माना है। इसके साथ ही महिला के प्रति कहे गए शब्दों की कड़ी निंदा भी की है।

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Court (फाइल फोटो पत्रिका)

Court (फाइल फोटो पत्रिका)

Delhi Court: महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा और धमकीभरे व्यवहार को लेकर अदालतें अब सख्ती दिखा रही हैं। दिल्ली की द्वारका अदालत ने हाल ही में एक ऐसे ही मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए स्पष्ट किया है कि किसी महिला को ‘चरित्रहीन’ या ‘सेक्स वर्कर’ बताने वाला शब्द इस्तेमाल करना न सिर्फ़ असम्मानजनक है, बल्कि यह कानून के तहत एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।

क्या है मामला?

यह मामला वर्ष 2021 का है, जिसमें आरोपी विक्रांत ग्रेवाल ने एक महिला को फोन पर अश्लील बातें कही थीं और धमकी भी दी थी। महिला ने अदालत को बताया कि विक्रांत बार-बार उसके घर के बाहर आकर फोन करता और उसे दरवाजा खोलने को कहता था। साथ ही बात नहीं मानने पर बलात्कार और हत्या करने की धमकियां देता था। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने महिला को फोन पर कहा था "दरवाजा खोल दे, मुझे तेरे साथ S** करना है। R….I, तुझे मैं बताऊंगा। बहुत समझदार अपने को समझती है। R…I दरवाजा खोल दे, नहीं तो मैं तुझे छोड़ूंगा नहीं।"

अदालत की टिप्पणी

ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास (JMFC) हरजोत सिंह औजिला ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 509 (किसी महिला की गरिमा को चोट पहुंचाने के इरादे से अपमानजनक शब्दों का प्रयोग) और धारा 503 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी करार दिया। इस दौरान अदालत ने कहा
“R***I जैसे शब्द का प्रयोग महज महिला के अपमान के लिए नहीं किया जाता, बल्कि यह सीधे तौर पर महिला की गरिमा और यौन सम्मान पर हमला है। यह शब्द उस महिला को ‘बेवफा’ और ‘चरित्रहीन’ घोषित करता है। जो कि न केवल सामाजिक रूप से अपमानजनक है बल्कि आपराधिक भी है।”

धमकियों को माना आपराधिक कृत्य

अपने बच्चों और पति के साथ एक कमरे के घर में रहने वाली महिला ने अदालत को बताया कि आरोपी अक्सर उसके घर के बाहर आकर जबरदस्ती दरवाजा खुलवाने की कोशिश करता था और धमकियां देता था। उसने कहा "अगर दरवाज़ा नहीं खोला तो गोली मार दूंगा।" इस पर अदालत ने टिप्पणी की कि यह बयान धारा 503 के तहत आपराधिक धमकी की श्रेणी में आता है।

पीड़िता का पक्ष और बचाव पक्ष की दलील

महिला ने बताया कि वह अपने पति और बेटी के साथ किराए के मकान में रहती है और आरोपी उसकी निजता और सुरक्षा को लगातार भंग कर रहा था। वहीं, आरोपी के वकील ने अदालत में दलील दी कि पूरा मामला झूठा और बनावटी है और इसमें कई विरोधाभास हैं। हालांकि, अदालत ने सबूतों को पर्याप्त मानते हुए आरोपी को दोषी ठहराया।